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    Yogini Ekadashi : योगिनी एकादशी का व्रत भगवान विष्‍णु का शयनकाल आरंभ होने से ठीक पहले की एकादशी होती है, जानें कथा और व्रत विधि

    Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी, जो आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पड़ती है और यह एकादशी का व्रत भगवान विष्‍णु का शयनकाल आरंभ होने से ठीक पहले की एकादशी होती है. इस साल योगिनी एकादशी का व्रत 2 जुलाई को रखा जायेगा.

    YoginiEkadashi 2024: हिन्दू धर्म में यह अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. 2 जुलाई 2024 को मनाई जाने वाली यह एकादशी, भगवान विष्णु की आराधना एवं आत्म-शोध का पावन अवसर प्रदान करती है.

    YoginiEkadashi 2024: शुभ मुहूर्त

    एकादशी तिथि

    प्रारंभ तिथि व समय : 01 जुलाई 2024, शाम 06:30 बजे

    समाप्ति: 02 जुलाई 2024, शाम 04:59 बजे

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    पारण :

    द्वादशी तिथि व समय: 02 जुलाई 2024, सुबह 07:11 बजे से 09:24 बजे तक

    अन्य समय: 03 जुलाई 2024, सूर्योदय के बाद

    विशेष योग :

    अमृत योग व समय : 02 जुलाई 2024, सुबह 06:30 बजे से शाम 04:59 बजे तक

    पौराणिक कथा :

    भगवान विष्णु जब क्षीरसागर में शेषनाग पर शयन कर रहे थे, तब उनकी नाभि कमल से देवी लक्ष्मी प्रकट हुईं. देवी लक्ष्मी के दर्शन के बाद भगवान विष्णु ने आनंदित होकर वरदान दिया कि जो भक्त आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत रखकर उनकी पूजा करेगा, उसे देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी. इस व्रत से जुड़ी यह पौराणिक कथा है.

    महत्व

    पाप नाश:YoginiEkadashi के व्रत से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

    पुण्य लाभ: इस व्रत को करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने का पुण्य प्राप्त होता है.

    मनोकामना पूर्ति: भगवान विष्णु की कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

    आध्यात्मिक उन्नति: यह व्रत आध्यात्मिक उन्नति का द्वार खोलताहै.

    व्रत विधि

    दशमी तिथि: दशमी तिथि से ही हल्का भोजन ग्रहण करें.

    एकादशी:

    सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.

    भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित कर षोडशोपचार विधि से पूजन करें.

    फलाहार ग्रहण करें (लवण, अन्न, तुलसी, मसाले वर्जित).

    रात्रि में भजन-कीर्तन करें और जागरण करें.

    द्वादशी

    सूर्योदय के बाद पारण करें.

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