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Sourav Ganguly: पूर्व भारतीय कप्तान और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली एक बार फिर क्रिकेट प्रशासन में बड़ी भूमिका निभाने को तैयार हैं. खबर है कि वे जल्द ही बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं.

गांगुली इससे पहले 2015 से 2019 तक सीएबी अध्यक्ष रह चुके हैं. क्रिकेट प्रशासन में उनके अनुभव और प्रभाव को देखते हुए यह माना जा रहा है कि उनकी वापसी से बंगाल क्रिकेट को नई दिशा मिल सकती है.

2014 में दिवंगत जगमोहन डालमिया के कार्यकाल में गांगुली ने सीएबी सचिव के रूप में प्रशासनिक पारी की शुरुआत की थी. डालमिया के निधन के बाद वे कार्यकारी अध्यक्ष बने और फिर पूर्ण अध्यक्ष के रूप में सेवा दी. 2019 में उन्होंने बीसीसीआई की कमान संभाली, लेकिन एक कार्यकाल के बाद पद से हट गए.

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सूत्रों के अनुसार, गांगुली सीएबी में वापसी को लेकर गंभीर हैं और उन्होंने नामांकन का मन बना लिया है. बीसीसीआई के संविधान के मुताबिक, राज्य क्रिकेट संघ में कोई व्यक्ति अधिकतम 9 साल तक कार्य कर सकता है. चूंकि गांगुली अब तक केवल 4 साल ही इस पद पर रहे हैं, ऐसे में उनके पास पांच साल का वैध कार्यकाल बचा है.

सीएबी के मौजूदा अध्यक्ष और गांगुली के बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली इस साल छह साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. लोढ़ा समिति की सिफारिशों के तहत, किसी भी पदाधिकारी को छह साल के बाद अनिवार्य ब्रेक लेना होता है. ऐसे में यह नेतृत्व परिवर्तन का उपयुक्त समय माना जा रहा है.

गांगुली की लोकप्रियता और क्रिकेट में उनकी पकड़ को देखते हुए माना जा रहा है कि उनकी दावेदारी पर कोई बड़ा विरोध नहीं होगा. अगर वे निर्विरोध चुने जाते हैं, तो बंगाल क्रिकेट को फिर से एक मजबूत नेतृत्व मिल सकता है.

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