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Arvind Kejriwal : CM केजरीवाल के लिए आज का दिन अहम, दोपहर में जमानत को लेकर आयेगा फैसला

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Arvind Kejriwal : CM केजरीवाल के लिए आज का दिन अहम,  दोपहर में जमानत को लेकर आयेगा फैसला

Arvind Kejriwal : दिल्ली हाइकोर्ट का दोपहर 2.30 बजे ये फैसला होगा कि सीएम केजरीवाल जेल से रिहा होंगे या नहीं. DELHI CM अरविंद केजरीवाल के लिए आज का दिन अहम है.

मुख्यमंत्री केजरीवाल की जमानत पर रोक के मामले में हाईकोर्ट ने 21 जून को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. साथ ही कहा था कि वह दो से तीन दिनों में अपना आदेश सुनाएगी. इस मामले में हाईकोर्ट का आज फैसला सुनायेगा.

दिल्ली हाई कोर्ट आज दोपहर 2.30 बजे अपना फैसला सुनाएगा. सीएम केजरीवाल ने सोमवार को दायर अपनी लिखित दलील में जमानत आदेश का बचाव किया. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें इस समय रिहा किया जाता है तो ईडी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा, क्योंकि यदि हाई कोर्ट बाद में आदेश को रद्द करने का फैसला करता है तो उन्हें वापस हिरासत में भेजा जा सकता है.  

आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. वह तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते थे, यदि हाई कोर्ट ने ईडी को अंतरिम राहत नहीं दी होती. निचली अदालत ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दे दी थी और एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया था.

निचली अदालत ने साथ ही कुछ शर्तें भी लगाई थीं, जिसमें यह भी शामिल था कि वह जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे. ईडी ने दलील दी है कि निचली अदालत का आदेश ‘विकृत’, ‘एकतरफा’ और ‘गलत’ था तथा निष्कर्ष अप्रासंगिक तथ्यों पर आधारित थे.

सीएम केजरीवाल ने अपने लिखित दलील में कहा कि ईडी के दावे ‘‘स्पष्ट रूप से गलत, भ्रामक और छल-कपट और गलत बयानी के समान हैं.’’  

सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख किया

सीएम केजरीवाल ने अपनी जमानत पर अंतरिम रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सोमवार को शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए 26 जून की तारीख तय की और कहा कि वह इस मुद्दे पर हाई कोर्ट के आदेश की घोषणा की प्रतीक्षा करना चाहेगी. दिल्ली आबकारी नीति तैयार करने और इसके क्रियान्वयन से जुड़ी कथित अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार की उपराज्यपाल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद 2022 में आबकारी नीति को रद्द कर दिया गया था. सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. 

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