Vijay Sinha EPIC Controversy: बिहार की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा पर दोहरे EPIC कार्ड रखने और उम्र में गड़बड़ी करने का गंभीर आरोप लगाया है. तेजस्वी का कहना है कि विजय सिन्हा का नाम लखीसराय और पटना के बांकीपुर—दोनों विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में दर्ज है, जिनमें उम्र के आंकड़े भी अलग हैं. उन्होंने इसे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं. उधर, विजय सिन्हा ने कहा कि पटना वाले पते से नाम हटाने का आवेदन पहले ही दे दिया गया है और फाइनल मतदाता सूची जारी होना बाकी है.

तेजस्वी का दावा — दो EPIC, दो उम्र

प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने दावा किया कि विजय सिन्हा का नाम दो विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में दर्ज है. लखीसराय में उनका EPIC नंबर IAF3939337 है, जिसमें उम्र 57 वर्ष और पिता का नाम शारदा रमन सिंह दर्ज है. वहीं पटना के बांकीपुर क्षेत्र में EPIC नंबर AFS0853341 के तहत उनकी उम्र 60 वर्ष दिखाई गई है. तेजस्वी ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 17 और 18 के अनुसार एक व्यक्ति का नाम केवल एक मतदाता सूची में हो सकता है, लेकिन उपमुख्यमंत्री के मामले में यह नियम टूटता दिख रहा है.

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SIR के बाद बढ़ा विवाद

तेजस्वी यादव ने हालिया विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया का हवाला देते हुए कहा कि इस दौरान 65 लाख डुप्लिकेट मतदाताओं के नाम हटाए गए थे, फिर भी विजय सिन्हा का नाम दो जिलों की सूची में मौजूद है. उन्होंने सवाल किया— “हमारे खिलाफ तो तुरंत कार्रवाई की बात की गई थी, तो अब इन पर कब होगी? देखते हैं चुनाव आयोग कितनी तेजी दिखाता है.” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विजय सिन्हा “मोदी जी के खास” हैं और उन्होंने न केवल EPIC का फर्जीवाड़ा किया है, बल्कि उम्र में भी हेरफेर किया है. तेजस्वी ने कहा— “जनता को यह जानना चाहिए कि असली फर्जीवाड़ा कौन कर रहा है.”

विजय सिन्हा का जवाब

Vijay sinha epic number controversy

तेजस्वी के आरोपों के कुछ ही देर बाद विजय सिन्हा मीडिया के सामने आए. उन्होंने कहा कि उनका नाम दो सूचियों में है, लेकिन पटना वाले पते से नाम हटाने का आवेदन पहले ही किया जा चुका है. अभी फाइनल मतदाता सूची जारी नहीं हुई है और प्रक्रिया जारी है. उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र की प्रहरी है और संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करती है. साथ ही उन्होंने विपक्ष पर बेवजह राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाया.

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