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Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने फर्जी वोटर आईडी पर उठाया सवाल; बोले- EPIC नंबर आयोग की लिस्ट में कैसे?

Bihar Politics: बिहार की राजनीति में वोटर आईडी को लेकर तेजस्वी यादव और चुनाव आयोग के बीच विवाद गरमाया हुआ है. तेजस्वी ने चुनाव आयोग को लिखित जवाब भेजकर फर्जी वोटर आईडी के आरोपों का जोरदार खंडन किया है.

तेजस्वी यादव ने फर्जी वोटर आईडी पर उठाया सवाल
तेजस्वी यादव ने फर्जी वोटर आईडी पर उठाया सवाल

Bihar Politics: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के दो वोटर आईडी मामले को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को लिखित जवाब भेज दिया है. राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में यह जानकारी दी. मनोज झा ने कहा कि तेजस्वी यादव के पास कोई फर्जी वोटर आईडी नहीं है. ऐसे में अब फैसला चुनाव आयोग को लेना होगा. चुनाव आयोग द्वारा फर्जी बताई गई EPIC नंबर वाली वोटर आईडी आयोग की ओर से बूथ एजेंटों को दी गई वोटर लिस्ट में भी शामिल है.

बनती जा रही है बांग्लादेश चुनाव आयोग जैसी स्थिति

मनोज झा ने बताया कि अब तक दो वोटर आईडी के सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं. आयोग को यह समझना होगा कि दो ई-प्रमाण पत्र कैसे बनते हैं. उन्होंने चुनाव आयोग पर अहंकार और अज्ञानता का आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग को अपने पूर्ववर्तियों के कामकाज को ध्यान से देखना चाहिए, अन्यथा स्थिति बांग्लादेश चुनाव आयोग जैसी खराब हो सकती है.

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इससे पहले तेजस्वी यादव ने 2 अगस्त को प्रेसवार्ता में जो मतदाता पहचान पत्र (ई-प्रमाण पत्र) दिखाया था, उसे भारत निर्वाचन आयोग ने फर्जी करार दिया था. आयोग ने उन्हें निर्देश दिया था कि वे 16 अगस्त शाम 5 बजे तक उक्त मतदाता पहचान पत्र आयोग के कार्यालय में जमा करें. यह नोटिस दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी एवं सदर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा जारी किया गया था.

तेजस्वी के नाम पर एक ही EPIC नंबर

निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी ने बताया कि 2 अगस्त को प्रेसवार्ता में दिखाया गया ई-प्रमाण पत्र संख्या आरएबी-2916120 की गहन जांच में पाया गया कि यह संख्या निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नहीं की गई है और यह फर्जी है. उनका वास्तविक मतदान केंद्र संख्या 204 है और सही ई-प्रमाण पत्र संख्या आरएबी-0456228 है. वर्ष 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों के समय भी उन्होंने इसी संख्या को नामांकन पत्रों में दर्ज कराया था.

तेजस्वी यादव को भेजा तीन नोटिस

विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 के दौरान भी उनके द्वारा बीएलओ को दिया गया गणना प्रपत्र में यही संख्या आरएबी-0456228 अंकित है. पिछले कई वर्षों के मतदाता सूचियों के डेटाबेस से मिलान करने पर स्पष्ट हुआ कि प्रेसवार्ता में दिखाया गया ई-प्रमाण पत्र आरएबी-2916120 फर्जी था. इसके अलावा, आयोग ने तेजस्वी यादव के दावे को भी खारिज किया कि विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 के बाद उनकी नामांकन सूची में नाम नहीं है. अब तक इस मामले में तेजस्वी यादव को तीन बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं.

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