
Bihar Elections: भारत निर्वाचन आयोग ने शनिवार को 334 गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों को चुनावी सूची से हटा दिया है. इनमें बिहार के 17 दल भी शामिल हैं. ये दल पिछले छह वर्षों से चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय नहीं थे और जिनका पंजीकृत पता भी मौजूद नहीं था.
निर्वाचन आयोग की कार्रवाई का आधार
निर्वाचन आयोग ने आरपी एक्ट 1951 की धारा 29A के तहत यह कदम उठाया है. इसके मुताबिक, पंजीकरण के बाद राजनीतिक दलों को पांच वर्षों के भीतर चुनाव लड़ना अनिवार्य है. यदि कोई दल लगातार छह वर्षों तक चुनावों में हिस्सा नहीं लेता है, तो उसे चुनावी सूची से हटाया जा सकता है.
सक्रियता नहीं, दलों के अधिकार खत्म
आयोग ने जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि ये दल सक्रिय नहीं हैं और चुनावी प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं निभा रहे हैं. डिलीस्टेड दल अब चुनाव प्रतीकों का उपयोग, आयकर छूट और चुनाव प्रचार में मिलने वाली विशेष सुविधाओं के हकदार नहीं रहेंगे. प्रभावित दल 30 दिनों के भीतर अपील कर सकते हैं.
बिहार के हटाए गए दल
बिहार के उन 17 दलों में भारतीय बैकवार्ड पार्टी, भारतीय सुराज दल, भारतीय युवा पार्टी (डेमोक्रेटिक), भारतीय जनतंत्र सनातन दल, बिहार जनता पार्टी, देसी किसान पार्टी, गांधी प्रकाश पार्टी, हिमाद्री जनरक्षक समाजवादी विकास पार्टी (जनसेवक), क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी, क्रांतिकारी विकास दल, लोक आवाज दल, लोकतांत्रिक समता दल, नेशनल जनता पार्टी (इंडियन), राष्ट्रवादी जन कांग्रेस, राष्ट्रीय सर्वोदय पार्टी, सर्वजन कल्याण लोकतांत्रिक पार्टी और व्यावसायी किसान अल्पसंख्यक मोर्चा शामिल हैं.
यह निर्णय चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और सक्रिय राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है.
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