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India Pakistan Tensions: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के मिसाइल अटैक से पाकिस्तान पूरी तरह हैरान रह गया. इस हमले के तीन महीने बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने देश के स्वतंत्रता दिवस (14 अगस्त, 2025) के मौके पर नई आर्मी रॉकेट फोर्स कमांड (ARFC) बनाने की घोषणा की.

पाकिस्तान की योजना और भारत की प्रतिक्रिया

जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान चीन की पीएलए-रॉकेट कमांड की तर्ज पर अपनी रॉकेट फोर्स तैयार करना चाहता है. ऑपरेशन सिंदूर में भारत की ब्रह्मोस और स्कैल्प जैसी मिसाइलों के आगे पाकिस्तानी एयर डिफेंस पूरी तरह विफल रही. भारत ने पाकिस्तान की मिसाइलें और रॉकेट हवा में ही मार गिराए, जबकि पाकिस्तान की कोई भी रक्षा प्रणाली इन्हें डिटेक्ट तक नहीं कर पाई.

ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना की भूमिका

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने लश्कर ए तैयबा के मुरीदके और जैश ए मोहम्मद के बहावलपुर हेडक्वार्टर पर सटीक हमला किया. रफाल फाइटर जेट और सुखोई (सु-30 एमकेआई) विमानों ने ब्रह्मोस और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल कर एयरबेस और आतंकवादी ठिकानों को पूरी तरह तबाह किया. पाकिस्तान की फतेह मिसाइल को भारत की मीडियम रेंज सतह-से-हवा मिसाइल (BARAK-8) ने हवा में ही मार गिराया.

पाकिस्तानी रॉकेट फोर्स की चुनौतियां

पाकिस्तान के पास फिलहाल कोई फुल कमांड नहीं है. भूगोलिक सीमाओं और सीमित संसाधनों के चलते उनके लिए नई रॉकेट फोर्स खड़ी करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. खराब अर्थव्यवस्था और गोला-बारूद की कमी के कारण पाकिस्तानी सेना को ट्रेनिंग और संचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.

इस ऐलान के साथ ही पाकिस्तान ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी मिसाइल क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, जबकि भारत की ऑपरेशन सिंदूर में दिखी ताकत ने पूरी दुनिया को यह संदेश दिया कि भारतीय सेना अत्याधुनिक तकनीक और रणनीति में किसी से कम नहीं है.

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