
Bhagalpur News: ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के नए अवसर सृजित करने और पोषण स्तर सुधारने के लिए जीविका ने एक और पहल की है. पीरपैंती प्रखंड के बंदूजयराम पंचायत में आयोजित कार्यक्रम के दौरान समेकित मुर्गी विकास योजना-IV के तहत अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के 100 परिवारों को कुल 2475 चूज़े उपलब्ध कराए गए.
इस योजना का मकसद छोटे स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देना है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार आय के नए साधन विकसित कर सकें. मुर्गी पालन से मिलने वाले अंडे और मांस न केवल पौष्टिक आहार के रूप में परिवारों को सहारा देंगे, बल्कि बाजार में बेचकर अतिरिक्त कमाई का भी जरिया बनेंगे.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से ग्रामीण महिलाओं की भूमिका और भी सशक्त होगी, क्योंकि वे प्रत्यक्ष रूप से आय और पोषण दोनों की जिम्मेदारी निभा पाएंगी. इससे आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम बढ़ेगा.
जीविका पदाधिकारियों के अनुसार, इस तरह के प्रयासों से आने वाले समय में अधिक परिवार जुड़ेंगे और धीरे-धीरे गांवों में स्वास्थ्य, पोषण और आर्थिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा.
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