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Jharkhand Liquor Policy: झारखंड में शराब के शौकीनों के लिए बुरी खबर है. 30 जून को वर्तमान उत्पाद नीति के तहत खुदरा शराब की बिक्री बंद हो जाएगी और नई नीति के तहत प्रक्रिया पूरी न होने के कारण 1 जुलाई से शराब की दुकानें बंद रहने की आशंका गहरा गई है. राज्य में लगभग 1453 खुदरा शराब दुकानों का हैंडओवर-टेकओवर और नई नीति के तहत लॉटरी की प्रक्रिया अभी तक अधूरी है, जिससे लाखों लीटर शराब की बिक्री प्रभावित हो सकती है.
उत्पाद मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने भले ही जेएसबीसीएल (JSBCL) की देखरेख में बिक्री जारी रखने की घोषणा की हो, लेकिन जमीनी स्तर पर जिलों को अब तक कोई आधिकारिक निर्देश नहीं मिला है. ऐसे में 1 जुलाई को मात्र 7 दिन शेष रहते हुए, राज्य में शराब की बिक्री कैसे होगी, इस पर गहरा सस्पेंस बना हुआ है.
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क्यों फंसा पेच और क्या हैं चुनौतियां?
- अधूरी प्रक्रिया: नई उत्पाद नीति को कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बावजूद, खुदरा दुकानों की लॉटरी और अन्य आवश्यक प्रक्रियाएं अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं.
- हैंडओवर-टेकओवर की चुनौती: 30 जून से पहले 1453 दुकानों के स्टॉक मिलान, बिक्री और जमा राशि का हिसाब कर जेएसबीसीएल को हैंडओवर करना एक बड़ी चुनौती है. 7 दिनों में यह प्रक्रिया पूरी करना असंभव लग रहा है.
- अधिकारी का अभाव: बताया जा रहा है कि उत्पाद आयुक्त के ट्रेनिंग में जाने के कारण नीति को लागू करने की आवश्यक प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. अब नए सचिव व आयुक्त को पदस्थापित किया गया है, जिनसे अगले सप्ताह तक निर्देश जारी होने की उम्मीद है.
यदि 30 जून तक दुकानों के हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई, तो राज्य में कुछ दिनों तक शराब की दुकानें पूरी तरह बंद रह सकती हैं, जिससे सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान होगा और उपभोक्ताओं को परेशानी होगी. फिलहाल, सबकी निगाहें उत्पाद विभाग पर टिकी हैं कि वे इस संकट को कैसे टालते हैं.
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