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Darbhanga: उत्तर बिहार की पहचान बन चुकी शाही लीची अब हवाई मार्ग से देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच रही है. गुरुवार को दरभंगा एयरपोर्ट से लगभग 2.5 टन लीची की पहली खेप मुंबई के लिए रवाना की गई. इस मौके पर लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह, एयरपोर्ट निदेशक दीपक मिश्रा और पुलिस अधीक्षक उपेंद्र प्रसाद मौजूद थे.

अब नहीं होगा लीची का नुकसान

अब लीची को सड़क या रेल के लंबे सफर से नहीं गुजरना पड़ेगा. उत्पादक संघ के अध्यक्ष ने बताया कि हर दिन दो से ढाई टन लीची हवाई मार्ग से भेजी जाएगी. पहले लीची को महानगरों तक पहुंचने में कई दिन लगते थे, जिससे उसके खराब होने का डर बना रहता था. अब लीची कुछ घंटों में ही मुंबई जैसे बड़े बाजारों तक सुरक्षित पहुंच जाएगी.

दरभंगा एयरपोर्ट से खुले नए रास्ते

दरभंगा एयरपोर्ट ने हाल के वर्षों में अपनी एक नई पहचान बनाई है। अब यह सिर्फ यात्रियों के लिए नहीं, बल्कि कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए भी उपयोग में आ रहा है। आने वाले समय में मखाना और आम को भी हवाई मार्ग से भेजने की योजना है।

एक्सपोर्ट कंपनियों की नजर बिहार की मिठास पर

लीची को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने की दिशा में भी पहल शुरू हो चुकी है. देश की तीन बड़ी निर्यात कंपनियों के प्रतिनिधियों ने दो दिन तक मुजफ्फरपुर के बंदरा और आसपास के प्रखंडों में लीची बागानों का दौरा किया. लीची उत्पादक संघ ने बताया कि अगले चार दिनों में अंतरराष्ट्रीय खेप की लोडिंग शुरू हो जाएगी.

बिहार की लीची को मिलेगा बड़ा बाजार

इस पहल से जहां किसानों को सीधा फायदा मिलेगा, वहीं बिहार की शाही लीची को देश-विदेश में पहचान भी मिलेगी। कृषि उत्पादों के लिए हवाई सेवा की शुरुआत ने स्थानीय किसानों में नई उम्मीद जगाई है.

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