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Patna: पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह ने आज 21 मई 2025 को पूर्व मध्य रेल मुख्यालय, हाजीपुर में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभिन्न निर्माण परियोजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की. बैठक में अपर महाप्रबंधक अमरेन्द्र कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण-उत्तर) राम जन्म, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण-दक्षिण) रामाश्रय पाण्डेय सहित निर्माण संगठन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे

बैठक के दौरान महाप्रबंधक को पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से निर्माण विभाग की अब तक की उपलब्धियों और आगामी लक्ष्यों की विस्तृत जानकारी दी गई. उन्होंने मुजफ्फरपुर-सगौली, सगौली-वाल्मीकिनगर, समस्तीपुर-दरभंगा दोहरीकरण, हाजीपुर-सगौली, अररिया-सुपौल, अस्थावां-बरबीघा, कोडरमा-तिलैया नई रेल लाइन, टोरी-शिवपुर तीसरी लाइन, गोमो फ्लाईओवर और सिंदरी यार्ड रीमॉडलिंग जैसी प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की.

महाप्रबंधक ने बैठक में कहा कि रेलवे निर्माण कार्यों में नवीनतम तकनीकों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, ताकि जनता को सुरक्षित, कुशल और समयबद्ध सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें. उन्होंने निर्माण संगठन के कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए सभी निर्माण परियोजनाओं को तय समय-सीमा के भीतर पूर्ण करने पर जोर दिया.

महाप्रबंधक ने निर्माण कार्यों की नियमित एवं सघन मॉनिटरिंग के निर्देश दिए  और आरओबी (रेल ओवरब्रिज), आरयूबी (रेल अंडरब्रिज) और बाईपास के निर्माण कार्यों को प्राथमिकता देने की बात कही, जिससे सड़क और रेल यातायात निर्बाध रूप से संचालित रह सके।

वर्ष 2024-25 की उपलब्धियां

नई रेल लाइन निर्माण: 44 किमी

दोहरीकरण कार्य: 73 किमी

कुल पूर्ण निर्माण कार्य: 117 किमी

सुरक्षा से जुड़ी परियोजनाएं:

7 आरओबी और 19 आरयूबी पूर्ण

30 नए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम

122 रूट किमी ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग

149 रूट किमी पर ‘कवच’ प्रणाली की कमीशनिंग

वर्ष 2025-26 के लिए लक्ष्य:

नई लाइन निर्माण: 90 किमी

दोहरीकरण कार्य: 184 किमी

कुल लक्षित निर्माण: लगभग 274 किमी

महाप्रबंधक ने यह भी कहा कि पूर्व मध्य रेल निर्माण संगठन की सक्रियता, समर्पण और तकनीकी दक्षता के बल पर निर्धारित लक्ष्यों की समयबद्ध पूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी, जिससे रेल यातायात को और अधिक सुरक्षित व प्रभावी बनाया जा सकेगा.

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