Bihar Bridge Collapsed: बिहार में पुल हादसा थम नहीं रहा है. एक के बाद एक कर पुल गिरते जा रहा है. 22 सितंबर 2024 रविवार देर शाम भी एक पुल अचानक गिर गया. इस हादसे के दौरान मौकेपर आफरा-तफरी मच गयी. घटना समस्तीपुर में नंदनी लगुनिया रेलवे स्टेशन के पास की है.
Bihar Bridge Collapsed: बिहार में पुल के गिरने का सिलसिला थम नहीं रहा है. यहां एक के बाद एक कर पुल ताश के पत्ते की तरह धराशाई हो रहा है. इस बार 22 सितंबर 2024 रविवार शाम समस्तीपुर में नंदनी लगुनिया रेलवे स्टेशन के पास पुल हादसा हुआ है. निर्माणाधीन पुल बख्तियारपुर- ताजपुर गंगा महासेतु के अप्रोप पुल का स्पैन अचानक गिर गया. इस हादसे के दौरान मौके पर अफरा-तफरी मच गयी. दो पिलरों के बीच स्पैन लगाने का काम चल रहा था. तभी स्पैन धराशायी हो गया. हालांकि, इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. लेकिन, यह एक बड़ा सवाल है कि पुल बनने से पहले धराशाई क्यों हो जा रही है. कहीं, कम बिड रेट पर टेंडर फाइनल करने का परिणाम तो नहीं है? क्योंकि, एक इंजीनियर जब एस्टिमेट तैयार करता है, तो उस कॉस्ट पर पुल नहीं बनता है. एस्टिमेट राशि से कहीं कम प्रशासनिक स्वीकृति मिलती है और इससे कहीं कम राशि पर कार्य एजेंसी के साथ एग्रीमेंट होता है.
सबूत मिटाने की कोशिश विफल
महासेतु के अप्रोच रोड पुल के स्पैन जब धराशाई हुआ तो इस हादसे को छुपाने के लिए कार्य एजेंसी के अधिकारी ने कोशिश की. रात के अंधेरे में ही जेसीबी की मदद से धराशायी हुए स्पैन के मलबे को मिट्टी के अंदर दबा दिया. सबूत मिटाने की यह कोशिश विफल रही. आसपास के लोगों का कहना है कि लगता है कि लापरवाही को छिपाने के लिए ऐसा किया गया है. यह कही ना कही पुल की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर रहा है.
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के क्षेत्र को जोड़ने के लिए इस महत्वाकांक्षी पूरी योजना का निर्माण 2011 में प्रारंभ कराया गया था. इसे 2016 में पूरा कर लिया जाना था, किंतु कार्य पूरा न होने पर इसकी अवधि बढ़ाकर 2018 फिर 2020 कर दी गई.
फिलहाल, 55 फिसदी काम ही पूरा हुआ है, किंतु इस अधूरे काम में ही पुल का स्पैन क्षतिग्रस्त होकर गिर गया. स्पेन गिर जाने से अब इसकी गुणवत्ता पर भी प्रश्न उठने लगा है.
बिहार सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में एक यह भी
बिहार सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक यह पुल है. 1603 करोड़ रुपये की लागत होने वाले इस पुल का 55 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है और जिसमें 1000 करोड़ से अधिक खर्च भी हो चुका है.