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Bhagalpur News: बिहार के भागलपुर जिले में पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट बनने में देरी होगी. जबतक टेंडर फाइनल नहीं हो जाता है और एजेंसी चयनित नहीं हो जाती है, तबतक इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सकेगा. हालांकि, एजेंसी चयनित करने के लिए निविदा की प्रक्रिया अपनायी जा रही है लेकिन, कोई भी एजेंसी रूचि नहीं ले रही है. 23 अप्रैल को टेंडर खुलना था लेकिन, इसकी अवधि में विस्तार कर दिया गया है.
फर्स्ट टाइम एक्शटेंशन के अनुसार अब निविदा 21 मई को खोली जायेगी. टेंडर भरने की अंतिम तिथि 20 मई निर्धारित किया गया है. पहले टेंडर भरने क अंतिम तिथि 22 अप्रैल रखा गया था और इसके खुलने की तिथि 23 अप्रैल रखी गयी है.
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बताया जाता है कि यह प्रोजेक्ट टैरिफ बेस्ड कम्पेटिटिव बिडिंग(टीबीसीबी) है. इस वजह से किसी भी एजेंसियों ने टेंडर भरने में रूचि नहीं दिखाई है. इसका निर्माण शुरू हो जाता हे तो इससे बिहार आत्मनिर्भर बनेगा और बिजली की बढ़ती मांग पूरा हो सकेगी.
2400 मेगावाट की क्षमता का होगा थर्मल पावर
पीरपैंती में थर्मल पावर की क्षमता 2400 मेगावाट की होगी. इसका तीन प्लांट बनेगा. हर एक प्लांट से 800 मेगावाट बिजली उत्पादित होगी. यानी, कुल 2400 मेगावाट बिजली जेनरेट होगी. प्लांट आवंटित कोयला लिंकेज से ईंधन प्राप्त करके स्थापित किया जायेगा.
चयनित एजेंसी को खुद के खर्चें पर बनाना होगा प्लांट
चयनित एजेंसी को खुद के खर्चें पर प्लांट का डिजाइन व कंस्ट्रक्शन से लेकर सभी तरह के कार्य कराना अनिवार्य होगा. यानी, अपने पैसे से ही प्लांट स्थापित करनी होगी. बाद में बिजली बेचकर लागत निकालेगी. एजेंसी जब थर्मल पावर प्लांट स्थापित कर लेगी और इससे जब बिजली बेचनी शुरू करेगी, तो साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड(एसबीपीडीसीएल) और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड(एनबीपीसीडीएल) को पहली प्राथमिकता देनी होगी.
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उक्त दोनों बिजली कंपनी रिक्वायरमेंट के हिसाब से बिजली खरीद करेगी. अगर कम बिजली खरीद की, तो वह शेष बिजली दूसरे को बेच सकेगी. इससे उन्हें इंसेंटिव का फायदा होगा.
प्रोजेक्ट साइट की चहारदीवारी पर खर्च होंगे 23.11 करोड़
प्रोजेक्ट साइट की बांड्री का भी निर्माण भी कराया जाना है. यह निर्माण कार्य साउथ बिहार पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड एजेंसी के माध्यम से करायेगा. प्रोजेक्ट साइट की बांड्री पर 23 करोड़ 11 लाख 01 हजार 600 रुपये खर्च होंगे.