Bhagalpur News : भागलपुर शहर में बन रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का काम फरवरी तक पूरा हो जायेगा. इसके बाद से शहर में न सिर्फ पानी की बर्बादी रुकेगी, बल्कि इसका समुचित उपयोग भी हो सकेगा. बुडको अब पंपिंग स्टेशनों के लिए वन विभाग से एनओसी मिलने का इंतजार नहीं करेगा. गंगा जलस्तर घटने के साथ काम शुरू करा दिया है.
Bhagalpur News : गंगा का जलस्तर घटने के साथ बुडको ने रुके हुए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य को गति दे दी है. साथ ही फरवरी तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. पांच महीने बाद से जब यह बनेगा, तो शहर में पानी की बर्बादी रुकेगी. इसका फिर से समूचित उपयोग हो सकेगा. इस पानी का इस्तेमाल सिंचाई या औद्योगिक कामों में भी किया जा सकेगा. मीठे पानी के संसाधनों का संरक्षण होगा. साहिबगंज में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण हो रहा है.
वहीं, बुडको ने इस प्लांट का निर्माण वन विभाग से रोक वाले पार्ट को छोड़कर शुरू किया है. पंपिंग स्टेशन एक से छह नंबर तक हो गंगा किनारे बनना है, उसका अभी अब एनओसी मिलने तक निर्माण नहीं करायेगा. यह करीब 385 कराेड़ से बन रहा है.
प्लांट सहित सिर्फ पांच पंपिंग स्टेशन का होगा निर्माण
पंपिंग स्टेशन पर वन विभाग ने रोक लगा रखी है. यह रोक गंगा किनारे बनने वाले पंपिंग स्टेशन पर लगायी है. एनओसी के लिए बुडको ने अप्लाइ किया है लेकिन, इसकी फाइल पटना में अटकी हुई है. रिमाइंडर के बाद भी एनओसी निर्गत नहीं हो रही है. इससे काम प्रभावित हो रहा है. इसकी वजह से निर्णय लिया है कि एक नंबर से छह नंबर तक के पंपिंग स्टेशन को बनाने के लिए एनओसी मिले या न मिले, लेकिन एसटीपी के काम को आगे बढ़ाया जायेगा.
एसटीपी की ओर मोड़ा जायेगा गंगा में गिरने वाले नाले के मुहाने
शहरी क्षेत्र नालों का पानी गंगा में सीधे प्रवाहित होता है. गंगा में गिरने वाले नाले के मुहाने को मोड़ा जायेगा. इन नालों को 10 पंपिंग स्टेशन में पहुंचाने की योजना है लेकिन, छह से 10 नंबर तक पंपिंग स्टेशन से ही यह काम किया जायेगा.
43 नाले को प्लांट से जोड़ने की योजना
शहर के 43 नाले का पानी प्लांट तक पहुंचाने की योजना है. वहीं, 13.7 किलोमीटर राइजिंग मेन पाइप बिछायी जानी है, जबकि 10.1 किलोमीटर ट्रंक सीवर लाइन का कार्य होगा. 6.3 किलोमीटर के नाले से शहर की छोटे व बड़े नालों को जोड़ा जायेगा. राइजिंग मेन नाले की गहराई करीब दो मीटर होगी. ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 45 एमएलडी की होगी.
गंगा किनारे बनने वाले पंपिंग स्टेशनों के लिए अबतक वन विभाग से एनओसी नहीं मिली है. इस वजह से इस पंपिंग स्टेशनों के छोड़ कर प्लांट का निर्माण होगा और इसको फरवरी तक पूरा किया जायेगा. गंगा का जलस्तर घटने से प्लांट का निर्माण शुरू करा दिया गया है. -बालकृष्ण झा, सहायक अभियंता,बुडको, भागलपुर