Home राज्य बिहार Scout and Guide children drowned: पितृपक्ष मेले के अंतिम दिन गया में बड़ा हादसा, डैम में स्काउट एंड गाइड के 2 बच्चों की डूबने से मौत

Scout and Guide children drowned: पितृपक्ष मेले के अंतिम दिन गया में बड़ा हादसा, डैम में स्काउट एंड गाइड के 2 बच्चों की डूबने से मौत

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Scout and Guide children drowned: पितृपक्ष मेले के अंतिम दिन गया में बड़ा हादसा, डैम में स्काउट एंड गाइड के 2 बच्चों की डूबने से मौत

Gaya News: पितृपक्ष के अंतिम दिन गया में बड़ा हादसा हो गया. स्काउट एंड गाइड के दो बच्चों की डूबने से मौत हो गयी. यह हादसा रबर डैम के उत्तरी छोर पर तब हो गयी, जब एक किशोर को बचाने के लिए पानी में कूदे थे. जिस लड़के को बचाने के लिए स्काउट एंड गाइड के छात्र कूदे थे, उसे बचा लिया गया है. इस तरह खुद की जान देकर दूसरे की जान बचाई गई है.

Gaya News: पितृपक्ष मेले के अंतिम दिन गया में 2 अक्तूबर बुधवार को एक बड़ा हादसा हो गया. स्काउट एंड गाइड के दो बच्चों की डूबने से मौत हो गयी. घटना रबर डैम के उत्तरी छोर पर घटी है. डूबने वाले बच्चों में एक लड़का और एक लड़की है. घटना के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है. मृतकों की पहचान हो गयी है. इसमें 17 वर्षीय रिया कुमारी और 16 वर्षीय आलोक कुमार के रूप में पहचान की गई है. ये लोग एक किशोर को बचाने के लिए डैम में कूदे थे.

जानें, किस तरह से हुआ हादसा?

प्रत्याक्षदर्शियों के अनुसार एक लड़के को डूबता देख पहले स्काउट एंड गाइड के तीन बच्चे बचाने के लिए कूदे. ये लोग भी डूबने लगे तो स्काउट एंड गाइड के ही दो और छात्र इन्हें बचाने के लिए कूद गए. इस तरह एक-एक कर कुल पांच छात्र पानी में कूदे थे. इनमें से तीन बच गए हैं. बचने वालों में नैंसी कुमारी, मनीषा कुमारी और विकास कुमार हैं. इन्हें इलाज के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है. इस तरह खुद की जान देकर दूसरे की जान बचाई गई है.

अस्पताल के अधीक्षक डॉ. केके सिन्हा ने बताया कि स्काउट एंड गाइड के पांच छात्रों में से दो की मौत हो चुकी है. गंभीर रूप से घायल छात्रों को आईसीयू में भर्ती किया गया. वहीं गया के डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने आपदा के एडीएम और सदर एसडीओ को मृतक के परिजनों को अनुग्रह अनुदान के तहत चार-चार लाख रुपया मुआवजा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. पितृपक्ष मेले का आज अंतिम रहने की वजह से तीर्थयात्रियों के साथ-साथ जिले के स्थानीय लोग भी तर्पण करने के लिए पहुंचे. भीड़ को देखते हुए नियंत्रण और यात्रियों की सेवा को लेकर स्काउट एंड गाइड के छात्रों को यहां लगाया गया था.

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