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Ranchi News : प्रधानमंत्री के निर्देश पर अब झारखंड की कोयला खदानों में वर्षों से जमा पानी जीवनदायी बनने जा रहा है. राज्य में पायलट प्रोजेक्ट के तहत खदानों के जल का उपयोग शुरू होगा. कोल इंडिया की दो कंपनियों की आठ खदानों में करीब 51 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मौजूद है. इसमें सीसीएल की पांच और बीसीसीएल की तीन खदानें शामिल हैं. इस परियोजना में तकनीकी सहयोग सीएमपीडीआई देगा. पहले चरण में कोयला मंत्रालय ने सभी खदानों में पानी का सर्वे कराया था.

खदानों में लगेंगे ट्रिटमेंट प्लांट

जमा पानी को उपयोगी बनाने के लिए खदानों में ट्रिटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे. खर्च की जिम्मेदारी संबंधित कोल कंपनी उठाएगी. प्रत्येक दिन करीब 9900 किलोलीटर पानी को शुद्ध करने का लक्ष्य रखा गया है. उपचार के बाद इस जल का इस्तेमाल घरेलू जरूरतों, सिंचाई और औद्योगिक कार्यों में किया जाएगा. सीएमपीडीआई की रिपोर्ट के अनुसार हल्के उपचार के बाद यह पानी पीने योग्य भी हो सकता है, जिससे स्थानीय लोगों को सीधा लाभ मिलेगा.

किन खदानों को चुना गया

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पायलट प्रोजेक्ट के लिए सीसीएल की गिद्दी ए और सी, सौंदाडीह, भुरकुंडा और राय बचरा खदानें चुनी गई हैं. वहीं बीसीसीएल की सुदामडीह, लोहापट्टी और मुरलाडीह खदान को भी शामिल किया गया है. अगर यह प्रयोग सफल होता है, तो अन्य खदानों के पानी का भी इसी तरह उपयोग किया जाएगा.

473 खदानों का हुआ आकलन

कोल इंडिया ने प्रधानमंत्री के निर्देश पर सक्रिय और परित्यक्त कुल 473 खदानों के जल का मूल्यांकन कराया है. इसमें अनुमान लगाया गया कि हर साल लगभग दो लाख 260 किलोलीटर अतिरिक्त पानी उपलब्ध हो सकता है. अधिकतर खदानों का जल बेहतर गुणवत्ता का पाया गया है, जिसे मामूली उपचार के बाद घरेलू, कृषि और औद्योगिक कार्यों में उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा, स्वयं सहायता समूहों की मदद से बोतलबंद पानी तैयार करने की भी योजना है. प्रदर्शन और शोध के लिए छह राज्यों में 22 पायलट प्रोजेक्ट चिन्हित किए गए हैं, जिनमें झारखंड की खदानें भी शामिल हैं.

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