President of India: 20 अगस्त को भागलपुर पहुंचेंगी राष्ट्रपति मुर्मू, विश्वविद्यालयों में बढ़ी हलचल

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President of India: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 20 अगस्त को भागलपुर आ सकती हैं. हालांकि राष्ट्रपति भवन से तिथि की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन 19 से 21 अगस्त के बीच उनका आगमन लगभग तय माना जा रहा है. इस दौरान राष्ट्रपति तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में शहीद तिलकामांझी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण करेंगी और विक्रमशिला विश्वविद्यालय के पुरातात्विक धरोहर स्थलों का दौरा करेंगी. उनके आगमन को लेकर जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन ने संयुक्त रूप से तैयारियों की शुरुआत कर दी है.

विश्वविद्यालयों में राष्ट्रपति का विशेष दौरा

राष्ट्रपति मुर्मू का दौरा न केवल शहीद तिलकामांझी को श्रद्धांजलि के रूप में होगा, बल्कि यह भागलपुर के शैक्षणिक संस्थानों की राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा भी बढ़ाएगा. वे तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) परिसर में स्थित नवनिर्मित आदमकद प्रतिमा का अनावरण करेंगी. इसके बाद वे विक्रमशिला विश्वविद्यालय के पुरातात्विक अवशेषों का अवलोकन करेंगी, जो बिहार की प्राचीन बौद्ध शिक्षा परंपरा से जुड़ा है.

टीएमबीयू प्रशासन की ओर से राष्ट्रपति भवन से लगातार संपर्क में रहने की बात कही जा रही है. जिलाधिकारी ने भी विभिन्न विभागों को जरूरी तैयारियां समय रहते पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं. संबंधित मार्गों की मरम्मत, सुरक्षा व्यवस्था और अन्य प्रशासनिक पहलुओं पर प्राथमिकता के साथ काम किया जा रहा है.

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टीएमबीयू में नियुक्ति विवाद पहुंचा एससी आयोग

इसी बीच टीएमबीयू में गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. पहले उम्मीदवारों ने बहाली में अनियमितता की शिकायत राजभवन को भेजी थी. अब यह मामला राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (SC आयोग) तक पहुंच चुका है.

सोशियोलॉजी विषय में गेस्ट फैकल्टी के रूप में कार्यरत रहे डॉ. रवींद्र कुमार राम ने आयोग को शिकायत पत्र भेजा है. आयोग के वरिष्ठ अन्वेषक मोहित कुमार ने कुलपति को पत्र जारी कर 30 दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है. डॉ. राम का कहना है कि एमएएम कॉलेज, नवगछिया में वे गेस्ट फैकल्टी थे, लेकिन असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया.

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डॉ. राम का आरोप है कि टीएमबीयू ने गेस्ट फैकल्टी की बहाली में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया. उनके मुताबिक सोशियोलॉजी में कुल 11 गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति की गई थी, जिनमें दो को बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में चयनित किया. शेष नौ में से एक भी अनुसूचित जाति वर्ग से नहीं है.

उन्होंने इस बहाली प्रक्रिया को गैरकानूनी करार दिया है और कहा है कि विश्वविद्यालय ने आरक्षण नीति का खुला उल्लंघन किया है. अब आयोग विश्वविद्यालय से जवाब प्राप्त करने के बाद मामले की विस्तृत जांच करेगा और आवश्यक निर्देश जारी करेगा.

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