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Online Gaming Ban: भारत में ऑनलाइन मनी गेमिंग पर अब पूरी तरह रोक लग गई है. संसद से पारित ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन एंड रेगुलेशन बिल 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलते ही यह विधेयक कानून बन गया है. इसके तहत मनी गेमिंग सेवाएं उपलब्ध कराने वालों को तीन साल तक की सजा और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ेगा. वहीं, विज्ञापन या प्रचार करने वालों पर दो साल की जेल और 50 लाख रुपये तक का दंड लगाया जाएगा.

प्रचार पर भी सख्त कार्रवाई

सरकार ने साफ कर दिया है कि केवल गेमिंग प्लेटफॉर्म चलाना ही नहीं, बल्कि उसका प्रचार भी अपराध माना जाएगा. इस कदम का उद्देश्य समाज में फैल रही इस लत पर पूरी तरह लगाम लगाना है.

रिकॉर्ड समय में पास हुआ बिल

इस बिल को पारित करने में संसद ने अभूतपूर्व तेजी दिखाई. राज्यसभा ने 26 मिनट और लोकसभा ने केवल 7 मिनट में इसे मंजूरी दे दी. राजनीतिक दलों में इस मुद्दे पर सहमति बनी रही और इसे समाजहित में जरूरी माना गया.

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मंत्री ने बताया “समाजिक बुराई”

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऑनलाइन मनी गेमिंग गंभीर सामाजिक बुराई बन चुकी है. कई लोग अपनी जीवनभर की बचत इसमें गंवा चुके हैं. उन्होंने जोर दिया कि संसद और सरकार का कर्तव्य है कि ऐसी प्रवृत्तियों पर रोक लगाए.

प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस कानून का समर्थन करते हुए कहा था कि यह कदम ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देगा और उन गेम्स को रोकेगा, जो लोगों की मानसिक और आर्थिक स्थिति को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

कंपनियों पर तुरंत असर

कानून लागू होने के तुरंत बाद ड्रीम11, विंजो जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स ने भारत में अपना परिचालन बंद करने की घोषणा कर दी. कंपनियों ने कहा कि इस सख्त कानून के बाद अब वे यहां अपनी सेवाएं जारी नहीं रख सकते.

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सरकार करेगी समीक्षा

आईटी सचिव एस कृष्णन ने कहा कि कानून के प्रावधानों की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर संशोधन भी संभव है.

परिवारों को राहत की उम्मीद

सरकार का मानना है कि इस फैसले से लाखों परिवारों को राहत मिलेगी, जो ऑनलाइन गेमिंग की वजह से आर्थिक संकट और मानसिक तनाव झेल रहे थे. यह कानून न सिर्फ डिजिटल स्पेस को सुरक्षित बनाने की दिशा में अहम कदम है, बल्कि भारत को गेमिंग की खतरनाक प्रवृत्तियों से भी बचाने का प्रयास है.

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