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Sunday, July 13, 2025
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RJD में अब सिर्फ दो चेहरे निर्णायक, चुनाव से जुड़ा हर फैसला उन्हीं के हाथों में

RJD में अब सिर्फ दो चेहरे निर्णायक
RJD में अब सिर्फ दो चेहरे निर्णायक

RJD News: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने आगामी चुनावों को लेकर बड़ा और साफ संदेश दे दिया है. शुक्रवार को पटना में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तय किया गया कि पार्टी में अब चुनाव से संबंधित हर छोटा-बड़ा फैसला सिर्फ लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ही लेंगे. सीट बंटवारे से लेकर गठबंधन की रणनीति और उम्मीदवारों के चयन तक, सारी कमान इन्हीं दो नेताओं के पास होगी. शनिवार को बापू सभागार में राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव पर औपचारिक मुहर लगाई जाएगी.

कार्यकर्ताओं की सहमति से लिया गया फैसला

राजद की यह अहम बैठक पटना के होटल मौर्य में आयोजित की गई थी, जिसमें लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए. बैठक में मौजूद सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी की कमान दो ही नेताओं को सौंपने पर सहमति जताई. यानी अब पार्टी में सामूहिक नेतृत्व की जगह केंद्रीकृत नेतृत्व मॉडल लागू हो गया है.

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राजनीतिक, आर्थिक और विदेश नीति पर भी चर्चा

बैठक में राजनीतिक, आर्थिक और विदेश नीति से जुड़े कई प्रस्ताव भी रखे गए. साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा पर निशाना साधते हुए 2025 के विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर मुकाबले का संकल्प लिया. बैठक के दौरान लालू यादव ने कार्यकर्ताओं से पार्टी को मजबूत बनाने और जमीनी स्तर पर सक्रिय रहने की अपील की.

पार्टी के भीतर अब सिर्फ दो चेहरे निर्णायक

इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि RJD में अब किसी भी स्तर पर फैसले लेने की जिम्मेदारी लालू और तेजस्वी की ही होगी. यह कदम पार्टी में नेतृत्व को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा संदेश भी माना जा रहा है. राजनीतिक जानकारों के अनुसार, इससे सीटों के चयन, उम्मीदवारों की घोषणा और गठबंधन की शर्तों को लेकर अंतिम निर्णय लेने में स्पष्टता और तेजी आएगी.

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हैवान पिता! झारखंड में 11 साल की बेटी से दरिंदगी, अब सलाखों के पीछे

हैवान पिता! सलाखों के पीछे.
हैवान पिता! सलाखों के पीछे.

Jharkhand Crime: झारखंड में रिश्तों को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है. यहाँ एक सैनिक पिता पर अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ वर्षों तक यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा है. यह दिल दहला देने वाला मामला रांची जिले के टाटीसिलवे थाना क्षेत्र का है, जहाँ एक हवलदार ने अपने पिता होने की मर्यादा को तार-तार कर दिया.

पिता की दरिंदगी और बेटी का संघर्ष

पीड़िता जब 11 साल की हुई तो उसे अपने साथ हो रहे इस जघन्य अपराध का अहसास हुआ. उसने विरोध करने की कोशिश की तो शराब के नशे में धुत पिता उसे बुरी तरह पीटने लगा. बेटी ने अपनी मां से मदद मांगी, लेकिन मां ने समाज और परिवार की बदनामी का डर दिखाकर उसे चुप करा दिया. पांच साल तक सब कुछ सहने के बाद, 16 साल की पीड़िता का सब्र टूट गया. उसने हिम्मत दिखाई और गुरुवार रात को अपने पिता के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी.

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पुलिस कार्रवाई और आरोपी गिरफ्तार

टाटीसिलवे थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रंजीत कुमार सिन्हा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी सेना में हवलदार के पद पर है और वर्तमान में राजस्थान में तैनात है. थाना प्रभारी ने बताया कि नाबालिग के बयान पर पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और उसका मेडिकल भी करवाया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह के घिनौने कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि ऐसी घटनाएं समाज को कलंकित करती हैं.

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टीम इंडिया के लिए खतरे की घंटी बने जेमी स्मिथ और हैरी ब्रुक, 300 रनों की साझेदारी से इंग्लैंड ने पलटा मैच

00 रनों की साझेदारी से इंग्लैंड ने पलटा मैच
00 रनों की साझेदारी से इंग्लैंड ने पलटा मैच

IND vs ENG: दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन इंग्लैंड की पारी में बड़ा मोड़ आया जब जेमी स्मिथ और हैरी ब्रुक ने छठे विकेट के लिए 300 रन की अटूट साझेदारी कर डाली. दिन की शुरुआत 77/3 से करने वाली इंग्लिश टीम ने दो और विकेट जल्दी गंवा दिए, लेकिन स्मिथ और ब्रुक ने भारतीय गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया. स्मिथ 157 और ब्रुक 140 रन बनाकर चाय तक क्रीज पर डटे रहे. इस जोड़ी ने न सिर्फ दबाव झेला, बल्कि आक्रामक अंदाज में रन भी बटोरे, जिससे टीम इंडिया की पहली पारी की 587 रनों की बढ़त अब खतरे में दिख रही है.

स्मिथ और ब्रुक की साझेदारी ने भारत को किया परेशान

शुरुआती झटकों के बाद इंग्लैंड 84 पर पांच विकेट गंवा चुका था. ऐसे में जेमी स्मिथ और हैरी ब्रुक ने क्रीज पर पैर जमाकर धीरे-धीरे मैच का रुख मोड़ा. पहले सत्र में दोनों ने तेज़ गति से रन बनाए और दूसरे सत्र में संयम दिखाते हुए गेंदबाजों को थकाया. स्मिथ ने मात्र 80 गेंदों में शतक जड़कर इंग्लैंड के लिए तीसरा सबसे तेज़ टेस्ट शतक बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया.

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सिराज ने दिलाई उम्मीद, लेकिन योजना नहीं चली

पहले सत्र में मोहम्मद सिराज ने एक ही ओवर में जो रूट और बेन स्टोक्स को आउट कर टीम इंडिया को उम्मीद जगाई थी. लेकिन स्मिथ और ब्रुक ने इसके बाद कोई चूक नहीं की. प्रसिद्ध कृष्णा को शॉर्ट गेंदों की रणनीति के साथ लाया गया, लेकिन यह उलटा असर डाला. स्मिथ ने उनके एक ओवर में 23 रन ठोक डाले, जिसमें चार चौके और एक छक्का शामिल था. कृष्णा ने अपने आठ ओवर में 61 रन लुटाए और कोई विकेट नहीं लिया.

स्पिनर्स भी नहीं दिला सके राहत

रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर की स्पिन जोड़ी भी स्मिथ के सामने बेअसर रही. स्मिथ ने सुंदर की पहली दो गेंदों पर ही चौके लगाकर दबदबा बना लिया, वहीं जडेजा के एक ओवर में भी उन्होंने छक्का और चौका जड़ा. लंच से ठीक पहले उन्होंने लगातार दो चौके जड़कर अपना शतक पूरा किया.

आगे की रणनीति में बदलाव जरूरी

अब भारत को इस साझेदारी को जल्द तोड़ना होगा, वरना इंग्लैंड पहली पारी में बराबरी कर सकती है. गेंदबाजों को नई रणनीति के साथ उतरना होगा, खासकर कृष्णा और स्पिनर्स को. नहीं तो स्मिथ और ब्रुक की जोड़ी मैच पूरी तरह से इंग्लैंड की ओर मोड़ सकती है.

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’24 घंटे में उड़ा देंगे…’ धमकी भरे कॉल के बाद मंत्री इरफान अंसारी का ट्वीट बना चर्चा का विषय

मंत्री इरफान अंसारी को आया धमकी भरा कॉल!
मंत्री इरफान अंसारी को आया धमकी भरा कॉल!

Irfan Ansari: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को 3 जुलाई की रात एक अज्ञात नंबर से कॉल कर जान से मारने की धमकी दी गई. कॉल करने वाले ने सीधे शब्दों में कहा—”24 घंटे में तुमको उड़ा देंगे.” इस धमकी के बाद जहां पुलिस जांच में जुट गई है, वहीं मंत्री ने बेहद भावुक अंदाज में सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अपने दुश्मनों के लिए एक शायरी के रूप में संदेश दिया, जिसे लोगों ने संवेदनशील और साहसी करार दिया है.

मंत्री का भावुक पोस्ट: दुश्मनों को दिया शायराना जवाब

धमकी मिलने के बाद मंत्री इरफान अंसारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर एक संक्षिप्त लेकिन असरदार पोस्ट किया. उन्होंने लिखा—“मेरे दुश्मन न मुझ को भूल सके, वरना रखता है कौन किस को याद..!!” इसके साथ उन्होंने ‘जोहार/सलाम/नमस्कार’ लिखते हुए अपने संदेश को विनम्रता से समेटा.

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धमकी की जांच में जुटी पुलिस

मंत्री ने इस कॉल की जानकारी रांची के एसएसपी को दी है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. जिस नंबर से धमकी मिली, वह 7903928578 है, जिसे ट्रू कॉलर पर ‘नवाब अंसारी’ नाम से सेव किया गया है. उस नंबर पर एक युवक की तस्वीर भी दिखाई दे रही है.

क्या है अगला कदम?

फिलहाल पुलिस तकनीकी सहायता से कॉलर की पहचान और लोकेशन ट्रैक करने में जुटी है. मंत्री के सुरक्षा घेरे को भी और मजबूत किया गया है. इस घटना ने राज्य की सियासत और सुरक्षा व्यवस्था दोनों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

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PM Modi: बिहार दौरा संभावित, मोतिहारी में हो सकता है भव्य कार्यक्रम और जनसभा

पीएम मोदी फिर आ रहे बिहार!
पीएम मोदी फिर आ रहे बिहार!

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर बिहार के दौरे पर आ सकते हैं और इस बार संभावित ठिकाना है पूर्वी चंपारण का मोतिहारी. भाजपा संगठन और प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों का दौर शुरू हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक 18 जुलाई को पीएम मोदी मोतिहारी में एक भव्य कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं. इस दौरान कृषि विज्ञान केंद्र या महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय से जुड़े प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन या शिलान्यास हो सकता है. साथ ही वे एक विशाल जनसभा को भी संबोधित कर सकते हैं.

सम्राट चौधरी पहुंचेंगे मोतिहारी, तैयारियों की लेंगे समीक्षा

पीएम मोदी के संभावित कार्यक्रम को लेकर शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मोतिहारी पहुंच रहे हैं. वे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा करेंगे और भाजपा पदाधिकारियों से भी रणनीति पर चर्चा करेंगे. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले पार्टी कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती.

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पिपराकोठी या विश्वविद्यालय में हो सकता है कार्यक्रम

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी पिपराकोठी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में किसी महत्वपूर्ण कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं. साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि वे महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य की आधारशिला रख सकते हैं.

बीजेपी विधायक ने क्या कहा?

पूर्वी चंपारण के भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने पुष्टि करते हुए कहा है कि 18 जुलाई को पीएम मोदी के मोतिहारी आगमन की पूरी संभावना है. उन्होंने कहा कि तैयारियां जोरों पर हैं और अब केवल आधिकारिक घोषणा का इंतजार है.

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China President Missing: चीन के राष्ट्रपति लापता! शी जिनपिंग की गैरहाजिरी ने बढ़ाया सियासी सस्पेंस

China President Xi Jinping
China President Xi Jinping

India Alert Due China President Xi Jinping Missing: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दो सप्ताह से सार्वजनिक मंचों से पूरी तरह गायब हैं. न तो उन्हें किसी सरकारी कार्यक्रम में देखा गया है, न ही ‘पीपुल्स डेली’ जैसे आधिकारिक अखबार में उनका कोई ज़िक्र हुआ है. वहीं, पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता लगातार कूटनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हैं. इसके साथ ही, उनकी सुरक्षा घटा दी गई है और उनके पिता की समाधि का आधिकारिक दर्जा भी हटा लिया गया है. इन घटनाओं ने चीन की सत्ता के गलियारों में हलचल तेज कर दी है. कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि पीएलए के जनरल झांग यूक्सिया से उनका टकराव हुआ है, जो अब सत्ता की ओर कदम बढ़ा सकते हैं. भारत के लिए यह स्थिति नई रणनीतिक चुनौती बन सकती है.

शी जिनपिंग की गैरमौजूदगी से उभरे गंभीर संकेत

चीन के राजनीतिक गलियारे में इन दिनों असामान्य खामोशी है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग न सिर्फ लंबे समय से सार्वजनिक जीवन से दूर हैं, बल्कि उनकी शक्तियों में कटौती के भी संकेत मिल रहे हैं. हाल ही में जब उन्होंने बेलारूस के राष्ट्रपति से मुलाकात की, तो वहां वह राजकीय भव्यता नहीं दिखी जो आमतौर पर चीनी कूटनीति का हिस्सा होती है. यहां तक कि उनकी सुरक्षा व्यवस्था भी सामान्य से आधी कर दी गई है.

झांग यूक्सिया से तनातनी, सेना में खिंचाव

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के ताकतवर जनरल झांग यूक्सिया और शी जिनपिंग के बीच मतभेद की खबरें सामने आ रही हैं. झांग वही शख्स हैं जिन्होंने शी को तीसरा कार्यकाल दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. अब यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि झांग को पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ गुट का समर्थन मिल रहा है और वे सत्ता में परिवर्तन की भूमिका में हैं.

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लापता हो रहे हैं जिनपिंग के करीबी

शी जिनपिंग के कई भरोसेमंद सैन्य अफसर या तो सार्वजनिक जीवन से अचानक गायब हो गए हैं या फिर पद से हटा दिए गए हैं. यह घटनाएं चीन की सत्ता संस्कृति के उस पैटर्न की याद दिला रही हैं, जिसमें नेताओं को अचानक दरकिनार कर दिया जाता है.

क्या वांग यी होंगे अगला चेहरा?

चीन के कूटनीतिक गलियारे में वांग यी का नाम अब तेजी से उभर रहा है. उन्हें संतुलित और सुधारवादी छवि वाला नेता माना जाता है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अगर सत्ता परिवर्तन होता है तो वांग यी एक संभावित विकल्प हो सकते हैं.

भारत को क्यों रहना चाहिए सतर्क?

चीन के अंदरूनी राजनीतिक अस्थिरता का असर बाहरी नीति पर भी पड़ सकता है. खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में पीएलए की पश्चिमी थिएटर कमान में जो बदलाव हुए हैं, उनका असर भारत-चीन सीमा, खासकर लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश पर पड़ सकता है. ऐसे में भारत को पूरी सतर्कता के साथ इस स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है.

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पूर्णिया एयरपोर्ट अगस्त तक शुरू होने की उम्मीद, हाई लेवल बैठक में तय हुई डेडलाइन

पूर्णिया एयरपोर्ट के उद्घाटन की तैयारी तेज
पूर्णिया एयरपोर्ट के उद्घाटन की तैयारी तेज

Purnia Airport: बिहार के सीमांचल क्षेत्र के लिए बड़ी खुशखबरी है. पूर्णिया एयरपोर्ट के निर्माण कार्य को लेकर गुरुवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अगस्त के अंत तक इसका उद्घाटन हो सकता है. मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन विपिन कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में एयरपोर्ट पर चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई. निर्माण एजेंसी को 20 अगस्त तक टर्मिनल भवन सहित सभी कार्य पूरे करने का निर्देश दिया गया है.

तेजी से हो रहा निर्माण, 20 अगस्त डेडलाइन

बैठक में टर्मिनल बिल्डिंग, रनवे, एप्रोन, एप्रोच पथ और अन्य तकनीकी संरचनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा हुई. मुख्य सचिव ने सभी अभियंताओं और संवेदकों को निर्धारित समय में कार्य पूरा करने का निर्देश दिया. साथ ही, एयरपोर्ट को जोड़ने वाली सड़कों की मरम्मत और निर्माण कार्य भी तेजी से पूरा करने का आदेश संबंधित अधिकारियों को दिया गया.

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बैठक से पहले अधिकारियों ने पोर्टा केबिन, रोड कनेक्टिविटी और निर्माण क्षेत्र का निरीक्षण किया. पूर्णिया डीएम अंशुल कुमार ने मुख्य सचिव को एयरपोर्ट निर्माण और जमीन अधिग्रहण की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया.

शामिल रहे ये बड़े अधिकारी

इस हाईलेवल बैठक में मुख्य सचिव के अलावा एएआई चेयरमैन विपिन कुमार, अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ, नगर एवं विमानन निदेशक डॉ. निलेश रामचंद्र देवड़े, पूर्णिया प्रमंडल के आयुक्त राजेश कुमार, डीआईजी प्रमोद मंडल, एसपी स्वीटी सहरावत, विंग कमांडर सहित वायुसेना के कई अधिकारी मौजूद रहे.

‘स्टेट ऑफ द आर्ट’ होगा पूर्णिया एयरपोर्ट

पूर्णिया एयरपोर्ट को एक आधुनिकतम सुविधाओं वाले ‘स्टेट ऑफ द आर्ट एयरपोर्ट’ के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसमें टर्मिनल बिल्डिंग, कार्गो कॉम्प्लेक्स, एसी चिलर प्लांट, एसटीपी, वॉटर एंड फायर टैंक, इलेक्ट्रिक सब स्टेशन, एविएशन फ्यूल फार्म, एडमिन ऑफिस, कमर्शियल प्लाजा, सर्फेस पार्किंग और पांच एयरोब्रिज जैसी सुविधाएं शामिल होंगी.

अब तक कितना हुआ काम?

  • टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण तय समय सीमा में पूरा होने की स्थिति में
  • चारदीवारी का काम हो चुका है पूरा
  • संपर्क पथ और मुख्य सड़क का निर्माण प्रगति पर
  • एनएच-107 से एयरपोर्ट को जोड़ा जाएगा
  • भविष्य में पटना-पूर्णिया ग्रीन एक्सप्रेसवे से भी कनेक्टिविटी की योजना

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BSEB 2026: डमी रजिस्ट्रेशन कार्ड कल होगा जारी, सुधार की डेडलाइन 25 जुलाई

डमी रजिस्ट्रेशन कार्ड कल होगा जारी
डमी रजिस्ट्रेशन कार्ड कल होगा जारी

BSEB 2026: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) इंटर और मैट्रिक परीक्षा 2026 में शामिल होने वाले छात्रों के लिए डमी रजिस्ट्रेशन कार्ड 5 जुलाई 2025 को जारी करेगी. जिन छात्रों के रजिस्ट्रेशन कार्ड में त्रुटि पाई जाएगी, वे 5 से 25 जुलाई के बीच सुधार करवा सकेंगे. डमी रजिस्ट्रेशन कार्ड समिति की आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध रहेगा—इंटर के लिए seniorsecondary.biharboardonline.com और मैट्रिक के लिए secondary.biharboardonline.com पर.

केवल सीमित त्रुटियों में ही होगा सुधार

बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि डमी रजिस्ट्रेशन कार्ड में छात्रों के नाम, माता-पिता का नाम (केवल लघु स्पेलिंग सुधार), फोटो, जन्म तिथि, जाति, धर्म, राष्ट्रीयता, लिंग और विषय से संबंधित त्रुटियों को ही सुधारा जा सकेगा. नाम या माता-पिता के नाम में पूर्ण बदलाव की अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर भविष्य में यह पाया जाता है कि किसी छात्र की पूरी पहचान बदली गई है, तो उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा.

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कैसे करें सुधार?

शिक्षण संस्थानों के प्रधान ऑनलाइन पोर्टल से छात्रों के डमी रजिस्ट्रेशन कार्ड डाउनलोड करेंगे और अपने हस्ताक्षर व मुहर के साथ छात्रों को दो प्रतियों में उपलब्ध कराएंगे. छात्र त्रुटियों को पहचानकर कार्ड पर कलम से संशोधन करेंगे, जिसके आधार पर प्रधानाचार्य पोर्टल पर सुधार की प्रक्रिया पूर्ण करेंगे. यह पूरा कार्य 5 से 25 जुलाई के बीच संपन्न करना अनिवार्य है.

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RCP Singh: 2025 में ज्यादा सीटें मिलीं तो जन सुराज बनाएगी सरकार बोले-आरसीपी सिंह

प्रेसवार्ता करते आरसीपी सिंह
प्रेसवार्ता करते आरसीपी सिंह

RCP Singh: भागलपुर पहुंचे जन सुराज पार्टी के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि 2025 के विधानसभा चुनाव में अगर जन सुराज को ज्यादा सीटें मिलती हैं, तो पार्टी अपनी सरकार बनाएगी. उन्होंने कहा कि पार्टी का मकसद बिहार की व्यवस्था, शिक्षा, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करना है. बूथ स्तर तक संगठन को मज़बूत करने की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि सभी जिलों में संगठनात्मक बैठकों के जरिए रणनीति तय की जा रही है. भागलपुर में प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कई अहम राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी राय रखी.

बूथ स्तर पर मजबूत संगठन से मिलेगी सत्ता : आरसीपी

आरसीपी सिंह ने भागलपुर, बांका, मुंगेर और जमुई समेत कई विधानसभा सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इस बार पार्टी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेगी और संगठन के साथी हर बूथ पर सक्रिय होंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का मतदाता पुनरीक्षण अभियान सराहनीय है, लेकिन इसके दौरान अगर किसी वास्तविक मतदाता का नाम कटता है तो पार्टी इसका विरोध करेगी.

उन्होंने कहा कि वोट देना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है और इसे किसी हाल में छीना नहीं जाना चाहिए. फर्जी नाम हटाने पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए, लेकिन असली मतदाता को किसी प्रक्रिया से डराना गलत है.

‘एनडीए की लहर नहीं, लहर तो समुद्र में होती है’

एनडीए के 225 सीट जीतने के दावे पर तंज कसते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि अगर ऐसा है तो फिर 243 सीटें जीतने की बात क्यों नहीं करते. उन्होंने दावा किया कि पिछले चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान जेडीयू को चिराग पासवान के उम्मीदवारों के कारण हुआ था. प्रशांत किशोर पर दिए गए गोपाल मंडल के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा – “क्या गोपाल मंडल बिना खाए रह सकते हैं?”

उन्होंने याद दिलाया कि 2015 और 2020 के चुनावों में किसने रणनीति बनाई थी और किसने उम्मीदवारों के लिए मेहनत की थी.

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‘राजनीति में आने से किसी को नहीं रोका जा सकता’

मुख्यमंत्री के बेटे के चुनाव लड़ने की संभावना पर उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अगर 25 वर्ष की आयु पार कर चुका है और राजनीति में आना चाहता है, तो उसे नहीं रोका जा सकता – चाहे वह मुख्यमंत्री का बेटा हो या किसी आम नागरिक का.

भागलपुर आगमन पर कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्होंने सभी जिलों को बूथ स्तर तक मज़बूत करने की हिदायत दी. बैठक में जिलाध्यक्षों के साथ-साथ संगठन के कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिनमें डॉ. ग़ाज़ी शरीफ़, बलजीत सिंह बिट्टू, चंदन सिंह, रमेश सिंह, अरविंद साह, रेणु कुशवाहा, इंतजार आलम, डॉ विकास पांडे आदि शामिल रहे.

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क्या है MSP? जिसे नहीं जानते आधे से ज्यादा किसान, वही बना सकता है उन्हें मालामाल

क्या है MSP?
क्या है MSP?

MSP: भारत में हर साल सरकार किसानों की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP तय करती है, लेकिन बड़ी विडंबना यह है कि देश के अधिकांश किसान इसके बारे में अनजान हैं. जानकारी के अभाव में वे कृषि मंडियों में बिचौलियों, आढ़तियों और मुनाफाखोरों के हाथों लुट जाते हैं. जबकि अगर वे जान लें कि MSP क्या है, कैसे तय होती है और इसके पीछे क्या फॉर्मूला है, तो वे न सिर्फ बेहतर दाम पा सकते हैं, बल्कि लाखों रुपये की आमदनी भी सुनिश्चित कर सकते हैं.

MSP क्या है और क्यों जरूरी है?

MSP यानी Minimum Support Price वह न्यूनतम मूल्य है, जिस पर सरकार किसानों से उनकी उपज खरीदने की गारंटी देती है. यह मूल्य हर साल खरीफ और रबी सीजन की प्रमुख फसलों के लिए तय किया जाता है. उद्देश्य होता है किसानों को बाजार की गिरती कीमतों से बचाना और उनके लिए न्यूनतम आय सुनिश्चित करना. यह व्यवस्था किसानों की आर्थिक सुरक्षा और देश की खाद्य सुरक्षा दोनों के लिए अहम है.

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MSP तय करने का फॉर्मूला क्या है?

MSP तय करने के लिए कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों का पालन किया जाता है. इसमें मुख्यतः तीन तरह की लागत को देखा जाता है:

  • A2 लागत: बीज, उर्वरक, कीटनाशक, मजदूरी और सिंचाई जैसे सीधे खर्च.
  • FL (Family Labour): परिवार के सदस्यों द्वारा दिए गए श्रम का अनुमानित मूल्य.
  • C2 लागत: A2+FL के साथ-साथ स्वामित्व वाली भूमि का किराया और पूंजी पर ब्याज.

सरकार फिलहाल A2+FL+50% लाभ के आधार पर MSP तय करती है. लेकिन स्वामीनाथन आयोग ने सिफारिश की थी कि MSP को C2+50% लाभ के आधार पर तय किया जाए, जिससे किसानों को उनकी असली लागत और उचित लाभ मिल सके.

MSP से किसानों को क्या मिल सकता है?

  • बाजार मूल्य से सुरक्षा: अगर बाजार में दाम गिरते हैं, तो भी MSP किसानों की रक्षा करता है.
  • न्यूनतम आय की गारंटी: इससे किसान योजनाबद्ध ढंग से खेती कर पाते हैं.
  • उत्पादन को बढ़ावा: MSP मिलने से किसान दलहन, तिलहन और अन्य जरूरी फसलों की ओर भी रुख करते हैं.
  • खाद्य सुरक्षा में मदद: पीडीएस के लिए अनाज की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित होती है.

अगर MSP की सही जानकारी हो, तो क्या बदलेगा?

अगर किसानों को C2+50% फार्मूला के अनुसार MSP मिलना शुरू हो जाए और उन्हें इसकी पूरी जानकारी हो, तो वे बिचौलियों से मुक्त होकर मंडियों में अपने अनाज का सही दाम पा सकते हैं. उदाहरण के तौर पर अगर C2 लागत 1200 रुपये है, तो MSP 1800 रुपये होनी चाहिए. लेकिन अगर किसानों को इसकी जानकारी ही न हो, तो वे इससे वंचित रह जाते हैं.

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