Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में कचरे से बिजली बनाई जायेगी. इसके लिए 514 करोड़ से प्लांट लगने जा रहा है. रामचक बैरिया में बिहार का पहला ठोस कचरा प्रबंधन क्लस्टर बनेगा. यहां पटना नगर निगम समेत आसपास के 11 शहरी निकायों के ठोस कचरे से बिजली, बायोगैस, खाद आदि बनाई जाएगी. इसके बाद भी जो अवशेष बच जाएगा, उसका इस्तेमाल लैंडफिल में किया जाएगा. नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार ने इसकी जानकारी दी है. मंत्री ने बताया कि पटना में इस परियोजना को मॉडल के रूप में लागू किया जा रहा है. जल्द ही दूसरे शहरों में भी क्लस्टर बनाकर इसे लागू किया जाएगा.
बिहार सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है. इस पूरी परियोजना पर 514 करोड़ 59 लाख की राशि खर्च की जाएगी. इससे पटना नगर निगम, दानापुर, फतुहा, खगौल, फुलवारीशरीफ, सम्पतचक, मनेर, मसौढ़ी, बिहटा, बख्तियारपुर, नौबतपुर और पुनपुन जैसे निकायों को लाभ मिलेगा.
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सैद्धांतिक सहमति मिली
राज्य सरकार ने पटना एवं उसके आस-पास के 11 शहरी निकायों दानापुर, फतुहा, खगौल, फुलवारीशरीफ, सम्पतचक, मनेर, मसौढ़ी, बिहटा, बख्तियारपुर, नौबतपुर और पुनपुन के लिए एक विशेष प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था, जिस पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है. इसके लिए केंद्र सरकार भी अनुदान देगी. देश में पहली बार केंद्र सरकार ने किसी राज्य को सामाजिक अवसंरचना परियोजना के अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग योजना के जरिए अनुदान देने का निर्णय लिया गया है.
ठोस कचरे से 15 मेगावाट बिजली प्लांट की स्थापना होगी
मंत्री के अनुसार ठोस कचरे से 15 मेगावाट बिजली प्लांट की स्थापना होगी. इसमें 100 टन प्रतिदिन कचरे के बायो-मिथेनेशन संयंत्र की स्थापना करने की योजना है. साथ ही यहां 250 टन प्रतिदिन के एमआरएफ सह आरडीएफ संयत्र लगेगा. 50 टन प्रतिदिन के एमआरएफ संयंत्र की भी स्थापना होगी. मंत्री ने कहा कि इस क्लस्टर में 700 टन प्रतिदिन के कंपोस्ट प्लांट संयंत्र की भी स्थापना होगी और 325 टन प्रतिदिन के लैंडफिल सुविधाओं का विकास और संचालन किया जायेगा.