33.5 C
Delhi
Sunday, July 13, 2025
- Advertisment -

ट्रेड लाइसेंस घोटाला: फर्जीवाड़े से पहले दी थी जानकारी. फिर भी कर दिया गया निलंबित

Bhagalpur News: ट्रेड लाइसेंस घोटाले में घिरे निगम कर्मी निरंजन मिश्रा ने खुद को बेगुनाह बताया है और जांच पदाधिकारी को पत्र सौंप कर पूरे मामले में अपना पक्ष रखा है. उन्होंने बताया कि उनकी प्रतिनियुक्ति 15 सितंबर 2020 को ट्रेड लाइसेंस शाखा में हुई थी और 18 सितंबर को उन्होंने प्रभार लिया था. कुछ ही दिन में उन्हें कंप्यूटर ऑपरेटर गौतम कुमार की गतिविधियों से गड़बड़ी का संदेह हुआ. मिश्रा के अनुसार, उन्होंने इसकी मौखिक जानकारी तत्कालीन नगर आयुक्त को दी और 3 अक्टूबर 2020 को लिखित रूप से भी सूचित किया. फर्जीवाड़ा तब उजागर हुआ जब कुछ लाइसेंसधारी नवीनकरण के लिए आए और उनके लाइसेंस निगम के रजिस्टर में नहीं मिले. मिश्रा ने कहा कि उन्होंने 13 जनवरी 2021 को संचिका में टिप्पणी की और मामला तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त तक गया.

इसके बाद जांच टीम भी बनी. उन्होंने दावा किया कि रिपोर्ट उन्हें कभी नहीं दी गई. फिर भी, बिना जांच के 9 जनवरी 2022 को रविवार के दिन उन्हें निलंबित कर दिया गया. मिश्रा ने बताया कि निलंबन से पहले उन्होंने ₹12,04,100 और निलंबन के बाद ₹19,200 निगम कोष में जमा किया. लेखा परीक्षा रिपोर्ट के आधार पर ₹1,47,000 की मांग हुई, जिसका उन्होंने साक्ष्यों के साथ जवाब दिया. उनका कुल जमा ₹12,23,300 रहा, लेकिन निलंबन समाप्ति आदेश में सिर्फ ₹19,200 का जिक्र है.

पद संभालते ही पकड़ ली थी गड़बड़ी

मिश्रा ने अनुसार, 18 सितंबर 2020 को प्रभार लेने के बाद ही उन्होंने महसूस किया कि कंप्यूटर ऑपरेटर गौतम कुमार के क्रियाकलाप संदिग्ध हैं. उन्होंने तत्कालीन नगर आयुक्त को इसकी मौखिक जानकारी दी और 3 अक्टूबर को लिखित आवेदन भी दिया. बाद में जब विकास पांडेय, रामानंद घोष और रमन कुमार अपने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए पहुंचे, तब यह साफ हो गया कि उनके लाइसेंस न रजिस्टर में थे और न ही उनकी फीस जमा थी.

जांच रिपोर्ट कभी नहीं सौंपी गई

मिश्रा ने अपने पत्र में कहा है कि 13 जनवरी 2021 को उन्होंने संचिका में टिप्पणी के साथ मामला अधीक्षक के पास भेजा, जिसने अपनी टिप्पणी भी अंकित की. यह मामला 13 मार्च 2021 को फिर से उठा. प्रभारी नगर आयुक्त ने तीन बार यानी 27 जनवरी, 1 अप्रैल और 25 जनवरी को जांच टीमों का गठन किया, पर मिश्रा को कभी रिपोर्ट नहीं मिली. जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर समाहर्ता कार्यालय में भी जांच हुई, जिसमें मिश्रा ने सहयोग किया.

इसे भी पढ़ें- 

सिर्फ 5 मिनट में पटना! CM नीतीश ने देश के सबसे लंबे केबल ब्रिज का किया उद्घाटन, दियारा से सीधी कनेक्टिविटी

किसे सौंपी जाएगी RJD की कमान? अब्दुल बारी ने खोल दिया पत्ता

निलंबन के पीछे समय से पहले की राशि का आरोप

पत्र के अनुसार, 5 जनवरी 2022 को मिश्रा को ₹1,53,400 रुपये निगम कोष में जमा करने को कहा गया. 6 जनवरी को पूछा गया कि राशि अब तक क्यों नहीं जमा हुई. मिश्रा ने 8 जनवरी को जवाब दिया कि सूची में अधिकांश राशि उनके कार्यभार ग्रहण करने से पहले की है. फिर भी 9 जनवरी, जो रविवार था, को उन्हें निलंबित कर दिया गया. मिश्रा ने दावा किया कि वह पहले ही ₹12,04,100 जमा कर चुके थे.

लेखा परीक्षा रिपोर्ट के आधार पर फिर से मांगी गई राशि

बिहार सरकार के लेखा परीक्षा दल की जांच के आधार पर 4 अप्रैल 2022 को मिश्रा से ₹1,47,000 रुपये फिर से मांगे गए. मिश्रा ने इस पर भी साक्ष्यों सहित जवाब दिया. उन्होंने कुल ₹12,23,300 रुपये निगम कोष में जमा किए. 3 दिसंबर 2022 को उन्हें निलंबन से मुक्त किया गया, पर आदेश में केवल ₹19,200 रुपये का उल्लेख किया गया.

Also Read- सरकारी कंपनी में 10वीं पास को 21000 सैलरी! क्या है ये बंपर मौका? जानकर उड़ जाएंगे होश

- Advertisement -

HelloCities24

हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज हिंदी में सबसे पहले पढ़ें एचसी24 न्यूज़ पर. सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज वेबसाइट एचसी24 न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, पॉलिटिक्स, खेल, मनोरंजन से जुड़ी खबरें.

संबंधित खबरें
- Advertisment -

जरूर पढ़ें

- Advertisment -
Patna
overcast clouds
39.8 ° C
39.8 °
39.8 °
31 %
3.8kmh
93 %
Sun
40 °
Mon
35 °
Tue
33 °
Wed
31 °
Thu
31 °

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

- Advertisment -

अन्य खबरें

- Advertisment -
Close