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Bhagalpur News: भागलपुर नगर निगम के पास जहां एक ओर अरबों रुपये की राशि खजाने में पड़ी है, वहीं शहर की तस्वीर जस की तस बनी हुई है. ताजा जानकारी के मुताबिक निगम को 10 जुलाई 2025 को 31 करोड़ 77 लाख 86 हजार रुपये की एक और राशि स्वीकृत हुई है. इससे पहले फरवरी और जनवरी में भी 38 करोड़ से अधिक की राशि सरकार द्वारा जारी की गई थी. बावजूद इसके ज़मीनी स्तर पर नागरिक सुविधाओं से जुड़ी कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है.
बजट है, मगर काम नहीं
नगर निगम के पास 200 करोड़ से अधिक की राशि पहले से मौजूद है. फिर भी सड़कों, नालों और मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स जैसी योजनाएं टेंडर और कागजी प्रक्रिया में उलझी हैं. जिन सड़कों और नालों का स्वामित्व निगम के पास है, उनका निर्माण बुडको जैसी बाहरी एजेंसी से कराया जा रहा है. इससे कार्य की गति लगातार बाधित हो रही है.
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डीपीआर और एजेंसी का टोटा
ज्यादातर योजनाओं की डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तक तैयार नहीं है. न ही कंसल्टेंट एजेंसियों की बहाली हो पाई है. कई योजनाओं में प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद धरातल पर शून्य परिणाम नजर आ रहा है. पार्क निर्माण, मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स और प्याऊ जैसी योजनाएं अभी तक सिर्फ घोषणाओं तक सीमित हैं.
निगम खुद का भवन भी नहीं बना सका
नगर निगम के अपने कार्यालय भवन के निर्माण के लिए भी करीब 30 करोड़ की राशि आवंटित है, लेकिन एक साल बीतने के बावजूद डीपीआर तक नहीं बन पाया. बार-बार कहा जा रहा है कि कंसल्टेंट एजेंसी की बहाली की प्रक्रिया चल रही है.
मेयर ने माना सिस्टम फेल
मेयर डॉ. बसुंधरा लाल ने माना कि निगम की स्वामित्व वाली सड़कों और नालों का निर्माण बुडको से कराना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि यह मामला आगामी बैठक में उठाया जायेगा और मुख्यालय को पत्र भेजकर स्थिति सुधारने की मांग की जायेगी.
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