- HelloCities24 स्पेशल
- Home
- Shravani Mela Live
- एजुकेशन
- ऑटो
- कोलकाता
- क्राइम
- खेल
- जनरल नॉलेज न्यूज
- जमशेदपुर
- झारखंड न्यूज (Jharkhand News)
- टेक्नोलॉजी
- धनबाद
- धर्म न्यूज (Religion News)
- नौकरी न्यूज
- पटना
- पश्चिम बंगाल
- पूर्णिया
- पॉलिटिक्स
- बड़ी खबर
- बिजनेस
- बिहार चुनाव
- बिहार न्यूज (Bihar News)
- बॉलीवुड
- बोकारो
- भागलपुर
- भोजपुरी सिनेमा
- मनोरंजन
- मुजफ्फरपुर
- मौसम
- रांची
- राज्य
- राशिफल
- राष्ट्रीय
- रिजल्ट
- लाइफ स्टाइल
- वर्ल्ड
- वीडियो (Video)
Bhagalpur News: भागलपुर जिले में श्रमिकों के कल्याण को लेकर एक अहम पहल की शुरुआत आज शुक्रवार को जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने की. उन्होंने श्रम संसाधन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से गठित नुक्कड़ नाटक दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह दल जिले के प्रमुख स्थलों पर जाकर आमजन को श्रमिक निबंधन और उससे मिलने वाले लाभों के प्रति जागरूक करेगा.
इस अवसर पर सहायक समाहर्ता, अपर समाहर्ता, श्रम अधीक्षक (योजना सह बोर्ड), श्रम अधीक्षक (अधिनियम) सहित कई अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे.
प्रस्तुति स्थलों का चयन भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में
10 सदस्यों वाली यह नुक्कड़ नाटक टीम “दरोगा प्रसाद राय महिला प्रशिक्षण एवं औद्योगिक केंद्र” के माध्यम से चयनित की गई है. यह टीम 23 मई से 10 जून 2025 तक भागलपुर जिले के विभिन्न प्रखंडों, चौक-चौराहों, रेलवे स्टेशनों जैसे – भागलपुर जंक्शन, तिलकामांझी चौक, जीरोमाइल, सबौर, अकबरनगर, सुल्तानगंज आदि स्थानों पर अपनी प्रस्तुतियां देगी.
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
निबंधन से मिलेगा योजनाओं का लाभ
नुक्कड़ नाटक के जरिए श्रमिकों को निबंधन के लिए प्रेरित किया जाएगा. एक बार निबंधन के बाद श्रमिकों को बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (BOCW) द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा.
- विवाह सहायता – ₹50,000
- नकद पुरस्कार – ₹10,000 से ₹25,000 तक
- मातृत्व एवं पितृत्व लाभ
- साइकिल और औजार क्रय अनुदान
इसके अतिरिक्त, किसी निर्माण श्रमिक की आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में उसके आश्रितों को स्वाभाविक मृत्यु पर ₹2 लाख तथा दुर्घटना मृत्यु पर ₹4 लाख की सहायता राशि दी जाएगी.
जनजागरूकता ही मुख्य उद्देश्य
इस अभियान का उद्देश्य अधिक से अधिक निर्माण श्रमिकों को कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना और उन्हें उनके अधिकारों की जानकारी देना है, ताकि वे समाज में एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सके.