NCR Expressway : दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर सफर करने वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (17 अगस्त) को अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-II) और द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली हिस्से का उद्घाटन किया. इससे दिल्ली से गुरुग्राम और हरियाणा की कनेक्टिविटी तेज हो गई है. अब एयरपोर्ट से सिंघु बॉर्डर तक की दूरी महज 40 मिनट में पूरी हो सकेगी, जबकि पहले यही यात्रा दो घंटे लेती थी.
दिल्ली और हरियाणा के बीच आवाजाही को सुगम बनाने वाले इन हाई-स्पीड कॉरिडोर्स पर करीब 11,000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इनके शुरू होने से न केवल एनसीआर, बल्कि अन्य राज्यों से राजधानी आने-जाने का सफर भी आरामदायक और तेज हो जाएगा. लोकार्पण के मौके पर प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मौजूद रहे.
नई राहों से बदल जाएगी NCR की तस्वीर
प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन समारोह में कहा कि यह परियोजनाएं दिल्ली-एनसीआर की यातायात व्यवस्था को पूरी तरह बदल देंगी. द्वारका एक्सप्रेसवे शुरू होने से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव लगभग 25 फीसदी कम हो गया है. अब एयरपोर्ट पहुंचने में लगने वाला समय बहुत घट गया है.
सीएम रेखा गुप्ता ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व देश को नई दिशा दे रहा है. उन्होंने कहा, “दिल्ली की मुख्यमंत्री के तौर पर मैं यह अनुभव कर सकती हूं कि पीएम मोदी दूरदर्शी सोच रखते हैं. उनकी नीतियां सुनिश्चित करती हैं कि हर राज्य समान भागीदार बने और हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे. वे राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हैं.”

चार हिस्सों में बंटा द्वारका एक्सप्रेसवे
द्वारका एक्सप्रेसवे को चार पैकेजों में बांटकर तैयार किया गया है. गुरुग्राम क्षेत्र के दो पैकेजों का निर्माण एलएंडटी कंपनी ने किया, जबकि दिल्ली के दो पैकेज जय कुमार इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने पूरे किए.
- पहला पैकेज खेड़कीदौला टोल प्लाजा से बसई-धनकोट तक 8.76 किलोमीटर लंबा है.
- दूसरा पैकेज बसई-धनकोट से गुरुग्राम-दिल्ली सीमा तक 10.2 किलोमीटर का है.
- दिल्ली हिस्से में पहला पैकेज गुरुग्राम सीमा से बिजवासन तक 4.20 किलोमीटर का है.
- दूसरा पैकेज बिजवासन से महिपालपुर स्थित शिवमूर्ति तक 5.90 किलोमीटर का है.
कुल 18.9 किलोमीटर हिस्सा गुरुग्राम में और 10.1 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में पड़ता है. लगभग 23 किलोमीटर लंबा भाग एलिवेटेड है और करीब 4 किलोमीटर भूमिगत सुरंग के रूप में बनाया गया है. पालम एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए 3.6 किलोमीटर लंबी टनल बनाई गई है, जिससे यातायात काफी सहज हो जाएगा.
दुनिया की सबसे आधुनिक तकनीक से निर्माण
Hon’ble PM Shri Narendra Modi Ji reviews Urban Extension Road II in Delhi https://t.co/kktkEM6hOp
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) August 17, 2025
द्वारका एक्सप्रेसवे देश का पहला अर्बन एक्सप्रेसवे है. इसका एलिवेटेड हिस्सा सिंगल पिलर टेक्नोलॉजी से बनाया गया है. निर्माण में दो लाख एमटी स्टील लगाया गया है, जो एफिल टावर की तुलना में 30 गुना अधिक है. इसके अलावा, 20 लाख सीयूएम कंक्रीट का इस्तेमाल हुआ है, जो बुर्ज खलीफा में प्रयुक्त कंक्रीट से छह गुना अधिक है.
इस परियोजना के दौरान 12 हजार से अधिक पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन किया गया. उद्देश्य साफ है—दिल्ली-गुरुग्राम मार्ग पर दबाव कम करना और यात्रियों को सुरक्षित, तेज और पर्यावरण-अनुकूल यात्रा का अनुभव देना.
यूईआर-दो के बारे में ये भी जानिए
- वर्ष 2000 में दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के तहत दिल्ली के तीसरे रिंग रोड के रूप में डिजाइन किया गया था.
- यह 27 फ्लाईओवर, 26 छोटे पुल और 17 सबवे से सुसज्जित एक्सप्रेसवे है.
- यह एक एक्सेस-कंट्रोल एक्सप्रेसवे है, जिसमें चौराहों पर ऊंचे फ्लाईओवर और स्थानीय यातायात के लिए अलग सर्विस लेन हैं.
- इसे ग्रीन रोड के रूप में भी विकसित किया गया है। इसमें गाजीपुर लैंडफिल से 20 लाख टन कचरे का उपयोग किया गया है.
- यह ई-हाईवे बनने वाले पहले राष्ट्रीय राजमार्गों में से एक है। इसके ऊपर ई-बसों, ई-ट्रालियों और ई-कारों को चलाने की योजना है.
UER-II: दिल्ली का तीसरा रिंग रोड
अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-II) 75.71 किलोमीटर लंबा 6-लेन का एक्सप्रेसवे है. इसे दिल्ली का तीसरा रिंग रोड भी कहा जा रहा है. यह बवाना, नरेला, कंझावला, मुंडका, द्वारका, सोनीपत, रोहतक, जींद और बहादुरगढ़ जैसे कई अहम इलाकों को जोड़ता है. साथ ही इसे द्वारका एक्सप्रेसवे और दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे से भी कनेक्ट किया गया है.
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य दिल्ली की ट्रैफिक समस्या को कम करना और विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है. इनर रिंग रोड और आउटर रिंग रोड को जोड़ते हुए यह नया रिंग रोड एनसीआर की रीढ़ की हड्डी बनने जा रहा है.
लॉजिस्टिक हब बनने की ओर NCR
UER-II से जुड़े इलाकों में आने वाले वर्षों में बड़ा लॉजिस्टिक हब विकसित होने की संभावना है. वर्ष 2000 के दिल्ली मास्टर प्लान 2021 में इसे तीसरे रिंग रोड के रूप में डिजाइन किया गया था. इस हाईवे पर 27 फ्लाईओवर, 26 छोटे पुल और 17 सबवे बनाए गए हैं.
ग्रीन रोड और ई-हाईवे की ओर कदम
UER-II को ‘ग्रीन रोड’ की अवधारणा के साथ विकसित किया गया है. गाजीपुर लैंडफिल से 20 लाख टन कचरे का उपयोग निर्माण कार्य में किया गया है. इसे देश के पहले ई-हाईवे के रूप में भी विकसित किया जा रहा है, जहां ई-बस, ई-ट्रॉली और ई-कारें दौड़ेंगी.
NCR के लिए ऐतिहासिक दिन
दोनों परियोजनाओं के शुरू होने से दिल्ली और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी की नई राह खुली है. खासकर एयरपोर्ट, गुरुग्राम और दिल्ली के बीच यात्रा का समय अब आधा से भी कम हो गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे एनसीआर का आर्थिक और सामाजिक विकास और तेज होगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर का ये नया दौर देश को आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाने का प्रतीक है. उन्होंने भरोसा जताया कि ये सड़कें सिर्फ रास्ते नहीं, बल्कि विकास की रफ्तार को नई ऊंचाई तक ले जाएंगी.
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