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Jharkhand Cabinet : झारखंड ने हाल ही में दो बड़े नेताओं को खो दिया है. पूर्व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन और दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से राज्य की राजनीतिक तस्वीर बदल गई है. रामदास सोरेन के निधन से कैबिनेट में एक जगह खाली हुई है, वहीं शिबू सोरेन के जाने के बाद राज्यसभा में सीट खाली हो गई है. इस सियासी संकट का असर आने वाले दिनों में झामुमो के फैसलों पर साफ दिखाई देगा.

सोमेश सोरेन की भूमिका तय?

सूत्रों के अनुसार रामदास सोरेन के बड़े पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन को कैबिनेट में शामिल करने की संभावना है. सोमेश ने लंबे समय तक अपने पिता के साथ राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई है और विधानसभा क्षेत्र में उनका काम संभाला है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस मामले में अंतिम फैसला करेंगे और परिवार के लोगों के साथ लगातार संपर्क में हैं.

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घाटशिला में उपचुनाव की तैयारी

रामदास सोरेन के निधन के बाद घाटशिला विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना तय है. छह महीने के अंदर चुनाव कराने की कानूनी बाध्यता है. झामुमो की ओर से यह सीट परिवार के किसी सदस्य को दी जा सकती है. सूत्रों की मानें तो रामदास सोरेन के बड़े बेटे सोमेश चंद्र सोरेन चुनाव लड़ने की संभावना सबसे अधिक है.

राज्यसभा की खाली सीट

शिबू सोरेन का राज्यसभा कार्यकाल 21 जून 2026 तक था. उनके निधन के बाद पार्टी को इस महत्वपूर्ण सीट के लिए नए उम्मीदवार का चयन करना होगा. झामुमो की कोशिश होगी कि राज्यसभा में शिबू सोरेन जैसी कद की छवि वाले नेता को मौका मिले, जिससे पार्टी और पॉलिटिकल मैसेज दोनों मजबूत हों.

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