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    महंगाई से राहत; सब्जियों की कीमतों में गिरावट से अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 3% से नीचे आने की उम्मीद

    Relief from inflation: रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि अप्रैल में खुदरा महंगाई दर (CPI) 3% से नीचे रहने की संभावना है. मुख्य रूप से सब्जियों की कीमतों में आई गिरावट ने शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह की थालियों को सस्ता किया है.

    Relief from inflation: महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी के लिए एक सुकून भरी खबर है. अप्रैल माह में सब्जियों और कुछ अन्य जरूरी खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई गिरावट ने घर की रसोई के खर्च को कम किया है. बैंक ऑफ बड़ौदा की नवीनतम शोध रिपोर्ट के अनुसार, खुदरा महंगाई दर (CPI) अप्रैल 2025 में 3% के महत्वपूर्ण स्तर से भी नीचे जा सकती है. इस आर्थिक राहत के आधिकारिक आंकड़े 13 मई को जारी किए जाएंगे, जिन पर सबकी निगाहें टिकी हैं.

    रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि अप्रैल में खुदरा महंगाई दर (CPI) 3% से नीचे रहने की संभावना है. मुख्य रूप से सब्जियों की कीमतों में आई गिरावट ने शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह की थालियों को सस्ता किया है. हालांकि, वनस्पति तेल और एलपीजी की कीमतों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है, फिर भी कुल मिलाकर आम आदमी को थोड़ी राहत मिलती दिख रही है.

    सब्जियां हुईं सस्ती, वेज थाली की लागत घटी

    ताजा आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि सब्जियों की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जिसका सीधा असर वेजिटेरियन थाली की लागत पर पड़ा है.

    रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष इस प्रकार हैं

    • टमाटर: 34% सस्ता
    • आलू: 11% सस्ता
    • प्याज: 6% सस्ता

    हालांकि, कुछ वस्तुओं की कीमतों में हुई मामूली वृद्धि ने इस राहत को थोड़ा कम किया है.

    • वनस्पति तेल: 19% महंगा (आयात शुल्क के कारण)
    • एलपीजी सिलेंडर: 6% महंगा

    नॉन-वेज थाली भी हुई किफायती

    मांसाहारी थाली की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई है. सालाना आधार पर इसमें 4% और मासिक आधार पर 2% की कमी आई है. अब एक नॉन-वेज थाली की अनुमानित लागत लगभग ₹53.90 है. इसका मुख्य कारण सब्जियों के साथ-साथ पोल्ट्री की कीमतों में आई गिरावट है. पोल्ट्री सेक्टर में बर्ड फ्लू की खबरों के चलते कुछ राज्यों में मांग में कमी आई, जिसके परिणामस्वरूप आपूर्ति अधिक रही और कीमतें नीचे आईं.

    इसे भी पढ़ें-

    कैसे तय होती है थाली की कीमत?

    क्रिसिल और अन्य प्रतिष्ठित संस्थान देश के चारों हिस्सों- उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत- में उपलब्ध कच्चे माल की औसत कीमत के आधार पर थाली की लागत की गणना करते हैं

    इन सामग्रियों में मुख्य रूप से शामिल हैं-

    • अनाज (चावल, गेहूं)
    • दालें
    • सब्जियां (टमाटर, आलू, प्याज आदि)
    • मसाले
    • खाद्य तेल
    • ब्रॉयलर मीट (मांसाहारी थाली के लिए)
    • एलपीजी सिलेंडर

    हर महीने होने वाले इन बदलावों से आम आदमी की जेब पर पड़ने वाले प्रत्यक्ष प्रभाव का आकलन किया जाता है. यह समझने में मदद मिलती है कि महंगाई सिर्फ एक सांख्यिकीय आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह हर घर के बजट को सीधे तौर पर प्रभावित करती है.

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