Pakistan Stock Market: भारत की ओर से पहलगाम आतंकी हमले के प्रत्युत्तर में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के शेयर बाजार को बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया है. जहां एक तरफ भारतीय शेयर बाजार ने इस साहसिक कदम का स्वागत करते हुए तेजी दिखाई, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे निवेशकों में दहशत का माहौल है.
बुधवार को पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों पर भारतीय कार्रवाई के बाद खुले पाकिस्तान के बेंचमार्क शेयर इंडेक्स केएसई-100 (KSE-100 Index) में 5.78 प्रतिशत की भारी गिरावट आई. शुरुआती कारोबार में ही यह इंडेक्स 6,272 अंक यानी 5.5 प्रतिशत लुढ़ककर 107,296 के स्तर पर आ गया. 23 अप्रैल के बाद से अब तक इस इंडेक्स में 9,930 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई है.
यह उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे. सुरक्षा एजेंसियों की जांच में इस हमले के तार सीधे सीमा पार से जुड़े पाए गए थे.
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भारत के सख्त रुख से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गहरा संकट
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ व्यापार सहित सभी प्रकार के संबंधों को समाप्त करने का कड़ा फैसला लिया. भारत सरकार के इस निर्णायक कदम का पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर पहले से ही बुरा असर पड़ रहा था, और अब उसका शेयर बाजार भी लगातार धराशायी हो रहा है. गिरते शेयर बाजार के कारण पाकिस्तानी निवेशकों को अब तक अरबों रुपये का नुकसान हो चुका है.
गौरतलब है कि सार्क वीजा में छूट को रद्द करने, पाकिस्तान के राजनयिकों की संख्या कम करने और सिंधु जल समझौते पर पुनर्विचार करने जैसे भारत के कदमों ने पाकिस्तान को और भी कमजोर कर दिया है. इतना ही नहीं, 22 अप्रैल की पहलगाम आतंकी घटना के बाद 24 अप्रैल को कराची स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क केएसई-100 इंडेक्स कारोबार शुरू होते ही मिनटों के भीतर 2,485 अंक टूट गया था.
निवेशकों के अरबों रुपये स्वाहा
22 अप्रैल के बाद से केएसई इंडेक्स में 5,494.78 अंक यानी 4.63 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है. कराची स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट कैप, जो पहले 52.84 अरब डॉलर था, 29 अप्रैल को 100 अंकों की गिरावट के साथ 50.39 अरब डॉलर पर आ गया. इस तरह कुछ ही दिनों के भीतर पाकिस्तानी शेयर बाजार को 2.45 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है.
पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान के सामने अब और भी गंभीर आर्थिक चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. मई 2023 में जहां पाकिस्तान में महंगाई 38.5 प्रतिशत तक बढ़ गई थी, वहीं विदेशी मुद्रा भंडार भी 3.7 बिलियन डॉलर से कम रह गया था. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद उपजे इस नए संकट ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को और भी गहरे गर्त में धकेल दिया है.
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