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Tuesday, May 20, 2025
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    Hathras भगदड़: दर्दनाक हादसे की जानिए पूरी दास्तां, लाशों की पहचान का काम जारी, ये भी जानें-कितने लोगों पर दर्ज हुई FIR

    Hathrasभगदड़: हाथरस में सत्संग के दौरान हुए दर्दनाक हादसे के बाद अब तक कुल 121 लोगों की मौत हो चुकी है. कितने लोगों के ऊपर एफआईआर दर्ज हुई है, यह हादसा कैसे हुआ… इस घटना की पूरी जानकारी यहां पढ़ें.

    Hathras भगदड़: दर्दनाक हादसे की जानिए पूरी दास्तां, लाशों की पहचान का काम जारी, ये भी जानें-कितने लोगों पर दर्ज हुई FIR

    Hathrasभगदड़ : हाथरस में दर्दनाक हादसे होने से 121 लोगों की मौत हो चुकी है. पुलिस ने बाबा के मुख्य सेवादार देवप्रकाश माथुर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है.CM योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को खुद हाथरस पहुंचकर सबसे पहले अस्पतालों में भर्ती घायलों से मुलाकात की. इसके बाद अधिकारियों से हादसे में सभी घायलों और मृतकों के परिवार को हर संभव मदद और मुआवजा देने की बात कही है.

    Hathras भगदड़: दर्दनाक हादसे की जानिए पूरी दास्तां, लाशों की पहचान का काम जारी, ये भी जानें-कितने लोगों पर दर्ज हुई FIR

    पोस्टमार्टम के रिपोर्ट में जो लिखा है वो इस प्रकार है दक्षिण दिशा 20 एकड़ का भूखंड 7 दिनों की तैयारी में तैयार किया गया था. वहीं जीटी रोड के करीब बाबा का पंडाल लगाया गया था. पंडाल की उत्तरी छोर पर बाबा का मंच बना था. मंच लगभग 10 फीट ऊंचा था. बारिश से बचने के लिए शामियाना भी लगाया गया था. बाबा को घुटनों में दर्द की समस्या है. इसलिए मंच पर चढ़ने वाली सीढ़ियों सिर्फ चार इंच की ऊंचाई पर बनाई गई थी.

    अब इतने मरे

    हाथरस हादसे में अब तक कुल 121 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, कई घायलों का इलाज अस्पताल में जारी है. जिनकी हालत गंभीर है. उन्हें दूसरे अस्पतालों में भेजा जा रहा है.

    Hathras भगदड़: दर्दनाक हादसे की जानिए पूरी दास्तां, लाशों की पहचान का काम जारी, ये भी जानें-कितने लोगों पर दर्ज हुई FIR

    लोगों को रोक रहे थे बाबा के आर्मी

    बाबा के लिए हाईवे से मंच पर पहुंचने के लिए 300 मीटर लंबी विशेष खड़ंजे की सड़क बनाई गई थी. 50 फुट बाय 50 फुट राइट का मंच था, सत्संग में पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं थी. बारिश से बचने के लिए नीले रंग के शामियाना का इस्तेमाल किया गया था.10 फीट ऊंचा मंच धातु की रोड और ऊपर बास का प्रयोग किया गया था. आखरी 5 मिनट में भक्तों को बाबा के काफिले के पास जाने से रोकने के लिए बाबा की ब्लैक आर्मी कोशिश कर रही थी.

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    मरने वालों में महिलाएं और बच्चे

    हाथरस हादसे में ज्यादातर मरने वालों में महिलाएं और बच्चे शामिल थे. क्योंकि सभा की जिस ओर महिलाएं व बच्चे खड़ेथे.उस ओर ही लोगों की भीड़ ने हमलावर हो गई थी. जिससे वहां मौजूद महिलाएं और बच्चे इसकी चपेट में आ गए.

    अनुमति की सीमा से कितने गुने ज्यादा लोग थे

    हाथरस बाबा की सत्संग में प्रशासन की ओर से कुल 80 हजार लोगों की इजाजत दी गई थी. लेकिन सभा स्थल पर 2.5 लाख लोग पहुंच गए थे. प्रशासन की ओर से भी कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए थे.जिसके कारण बेकाबू हुई भीड़ के कारण यह दर्दनाक हादसा हुआ.

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    अब तक की कार्रवाई

    हाथरस हादसे के बाद से प्रशासन की ओर से सबसे पहले इस हादसे के लिए जांच टीम बनाई गई. हाथरस भगदड़ स्थल की जांच के लिए फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई है. पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा कि मुख्य सचिव ने शासन के निर्देश को अवगत कराया है. मामले में एफआईआर करवाई जा रही है. सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. मामले की मंडलायुक्त और एडीजी जोन के द्वारा जांच कराई जा रही है. 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट दी जाएगी. वहीं सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. वहीं सीएम योगी ने इस पूरी घटना की जांच की रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर मांगी थी.

    किन किन के खिलाफ केस दर्ज हुए

    सत्संग हादसे में मुख्य सेवादार देवप्रकाश समेत अन्य आयोजकों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. कोतवाली सिकंदराराऊ के एसएचओ आशीष कुमार के मुताबिक इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 110, 126 (2), 223, 238 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है.

    कितने केस दर्ज हुए

    हाथरस हादसे कांड में अब तक केवल एक ही एफआईआर दर्ज हुई है. वो भी बाबा के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं हुआ है. बाबा के मुख्य सेवादार देवप्रकाश के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. वहीं सेवादार को ही इस हादसे का मुख्य आरोपी बनाया गया है.

    कब मची भगदड़

    बाबा की गाड़ियों का काफिला निकलते ही भक्त दो दिशा से जीटी रोड नेशनल हाईवे की तरफ लोग भागे. पहले दिशा लगभग 10 फुट चौड़ी, 300 मीटर खड़ंजे की अस्थाई सड़क थी, जो बाबा की गाड़ियों के लिए ही बनाई गई थी. दूसरी दिशा से पंडाल का मुख्य द्वार जहां से हज़ारों की संख्या में भक्त हाईवे पहुंचकर बाबा के दर्शन की कोशिश कर रहे थे.बाबा का काफिला आगे निकलते ही लाखों की भीड़ तेजी से नेशनल हाईवे पर पहुंची. लेकिन वहां पहले से मौजूद महिलाओं और बच्चों को सबसे पहले भगदड़ का शिकार होना पड़ा.जीटी रोड की उत्तरी दिशा में मौजूद खेतों में गिरकर, खास तौर पर खेत के पास बनी छोटी नाली में एक के ऊपर एक गिरने से अधिकांश लोगों की मौत हुई.

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    बाबा कहां भागा

    पुलिस को खबर थी कि भोले बाबा नारायण साकार विश्व बाबा हरि की मैनपुरी जिले के बिछवा इलाके में स्थित राम कुटी आश्रम में छिपा है. पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए पूरी योजना बनाई. पुलिस की टीम ने बाबा को पकड़ने के लिए राम कुटी आश्रम को चारों तरफ से घेर लिया है. यहां कई थानों की टीम मौजूद थी. लेकिन बाबा पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया.

    इंतजाम कैसे थे

    बाबा के सत्संग के लिए आयोजकों ने 80 हजार लोगों की अनुमति मांगी थी. लेकिन सत्संग के दौरान ढ़ाई लाख के करीब श्रद्धालु पहुंच गए. मगर इसके अनुकूल सुरक्षा और व्यवस्था नहीं की गई थी. बाबा के आयोजकों के साथ-साथ प्रशासन ने भी इस पर लापरवाही बरती. जिसके कारण यह हादसा हुआ.

    मुआवजा की घोषणा

    सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजन को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथरस में हुए हादसे में मारे गए प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. इसके अलावा सभी घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.

    कितने घायल हैं

    हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के बाद वहां 121 लोगों की मौत हो गई है. वहीं सैकड़ों घायलों का इलाज जारी है. अभी तक कितने लोग घायल है. इसकी अभी तक कोई भी डेडलाइन जारी नहीं की गई है.

    इन अस्पतालों में इलाज चल रहा है

    हाथरस में हुए हादसे के बाद मृतकों/घायलों को एटा अस्पताल ले जाया गया था.सिकंदराराऊ स्थित ट्रॉमा सेंटर में भी घायलों को भर्ती कराया गया.इसके साथ ही अलीगढ़ और उसके नजदीक जिलों के अस्पतालों में घायलों को भेजा गया.

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