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Bihar: राज्य के पुलों की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सड़क निर्माण विभाग (RCD) मुख्यालय ने एक बड़ा कदम उठाया है. अब भागलपुर सहित आसपास के जिलों में बन चुके या निर्माणाधीन 250 मीटर से अधिक लंबे सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट एक स्वतंत्र थर्ड पार्टी ब्रिज कंपनी से कराया जाएगा.
क्या है योजना?
इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए RCD मुख्यालय ने नामांकन के आधार पर आइटीआइ पटना और दिल्ली को चुना है. इन संस्थानों को परामर्शी शुल्क के रूप में 16 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च करने की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गई है.
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क्यों जरूरी है थर्ड पार्टी ऑडिट?
इंडिपेंडेंट थर्ड पार्टी ब्रिज कंपनी वह स्वतंत्र संस्था या कंपनी होती है जो पुल के निर्माण, रखरखाव और संचालन का स्वतंत्र रूप से मूल्यांकन और जांच करती है. यह ठेकेदारों और इंजीनियरों से पूरी तरह अलग रहकर काम करती है. इसका मुख्य उद्देश्य पुल की गुणवत्ता, सुरक्षा और कार्यक्षमता को सुनिश्चित करना है. यह संस्था पुल के डिज़ाइन, निर्माण और रखरखाव से जुड़ी किसी भी खामी या दोष की गहन जांच करती है.
सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका
यह स्वतंत्र ऑडिट पुल की सुरक्षा में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह सुनिश्चित करता है कि पुल का डिज़ाइन और निर्माण सुरक्षित तरीकों से हुआ है और इसका संचालन भी पूरी तरह सुरक्षित ढंग से किया जा रहा है. इस कदम से बिहार में पुलों की मजबूती और विश्वसनीयता में सुधार आने की उम्मीद है.