Bihar News: मॉनसून ने फिर से अनिश्चितता दिखा दी है. भागलपुर के आसपास के कुछ जिलों में सोमवार रात से प्री-मॉनसून बारिश तो शुरू हो गई, लेकिन मंगलवार को भी भागलपुर सूखा ही रहा. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, बिहार की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल में मॉनसून अटका हुआ है, जिससे भागलपुर में ‘मॉनसून ब्रेक’ की स्थिति बन गई है. यह लगातार तीसरी बार है जब ऐसी स्थिति बनी है. हालांकि, यदि सब कुछ ठीक रहा, तो 4 से 8 जून के दौरान जिले के एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना है, साथ ही 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं.
कमजोर पुरवैया ने अटकाया मॉनसून
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, मॉनसून 29 मई से ही बिहार से ठीक ऊपर पश्चिम बंगाल में पिछले छह दिनों से एक ही जगह ठहरा हुआ है. मॉनसून का एक ही जगह पर कई दिनों तक रुकना और बारिश न होना ‘मॉनसून ब्रेक’ कहलाता है, जिसे मौसम विज्ञानी जलवायु परिवर्तन से जोड़कर देख रहे हैं. मॉनसून के स्थिर होने की मुख्य वजह पुरवैया हवा का कमजोर होना है, जबकि पछुआ हवाएं ताकतवर होकर चल रही हैं. अरब सागर से उठ रही पछुआ हवाएं सीधे ओडिशा और बंगाल को छूती हुई उत्तर-पूर्व होते हुए बंगाल की खाड़ी में बढ़ रही हैं, जिससे नमी युक्त बादलों को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त ताकत नहीं मिल पा रही है. आईएमडी के मौसम विज्ञानी आशीष कुमार का कहना है कि कमजोर पुरवैया के कारण मॉनसून आगे नहीं बढ़ पा रहा है.
पिछले वर्षों की मॉनसून एंट्री और इस साल की स्थिति
- 2006: पिछले 24 साल के इतिहास में सबसे पहले 6 जून को मॉनसून बिहार में आया था, लेकिन उस साल 11 प्रतिशत कम बारिश हुई.
- 2024: इस साल मॉनसून 31 मई को केरल पहुंचा और 1 जून को तेजी से आगे बढ़ते हुए पश्चिम बंगाल में आकर ठहर गया. बिहार में मॉनसून की एंट्री इसके 19 दिन बाद 20 जून को हुई.
- 2023: 12 जून को पूर्णिया में आकर मॉनसून ठहर गया और पूरे प्रदेश में 21 जून तक ही पहुंच सका था.
- 2022: इस साल भी मॉनसून पूरे प्रदेश में 12 जून के बाद ही पहुंचा.
बिहार में आंधी-पानी का अलर्ट
बिहार में अन्य मौसमी दशाओं जैसे ट्रफ, पश्चिमी विक्षोभ और अपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से अगले दो दिन तक आंधी-पानी की स्थिति बनी रहने के आसार हैं. उच्चतम तापमान में कोई खास बदलाव की उम्मीद नहीं है. पूर्वी बिहार के लिए आंधी-पानी को लेकर ऑरेंज अलर्ट और राज्य के शेष हिस्सों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है. सोमवार सुबह से मंगलवार सुबह तक राज्य के कई हिस्सों में अच्छी बारिश दर्ज की गई है.
किसान धान का बिचड़ा गिराने की तैयारी करें
बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ. वीरेंद्र कुमार ने किसानों को सलाह दी है कि वे लंबी अवधि वाले धान का बिचड़ा 10 जून तक बीज स्थली में लगा दें, बशर्ते आसमान साफ हो. मध्यम अवधि वाले धान के बिचड़े के लिए 10 से 25 जून तक का समय अनुकूल है. जो किसान धान की सीधी बुआई करना चाहते हैं, वे अगले सप्ताह में लंबी अवधि वाले धान की किस्म की बुआई कर सकते हैं, बशर्ते उनके पास सिंचाई की उचित व्यवस्था हो.
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