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भागलपुर शहर की उम्मीदों से जुड़ा भोलानाथ आरओबी दो साल में भी अधूरा है. तय डेडलाइन 20 जून को खत्म हो चुकी है, लेकिन पुल का ढांचा अब तक तैयार नहीं हो सका है. सिर्फ 76% फाउंडेशन और 16% सुपर स्ट्रक्चर ही बना है. रेलवे की मंजूरी और भूमि अधिग्रहण की अड़चनों ने इस प्रोजेक्ट को ठप कर दिया है. सवाल उठ रहा है कि बिना GAD अप्रूवल के टेंडर क्यों दिया गया? अब टाइम एक्सटेंशन की बात चल रही है, लेकिन पुल कब बनेगा, इसकी कोई समयसीमा नहीं है. 86.16 करोड़ की लागत से बन रहे इस पुल के अधूरे निर्माण ने लोगों की उम्मीदों को झटका दिया है.
रेलवे की मंजूरी और अधिग्रहण में फंसा प्रोजेक्ट
भोलानाथ ओवरब्रिज की सबसे बड़ी बाधा रेलवे से अब तक न मिली जीएडी (जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग) की मंजूरी है. इसके बिना आरओबी का काम अधर में लटका हुआ है. दूसरी बड़ी अड़चन भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया है, जो अभी तक मापी के स्तर पर अटकी हुई है. जब तक ये दोनों मसले हल नहीं होते, तब तक निर्माण की रफ्तार नहीं बढ़ सकती.
तय डेडलाइन फेल, अब बढ़ेगा टाइम एक्सटेंशन
पुल निर्माण निगम के अनुसार डेडलाइन खत्म हो चुकी है और अब समय सीमा बढ़ाने की तैयारी हो रही है. इसका मतलब यह होगा कि एजेंसी को हर बिल पर कटौती झेलनी होगी. लेकिन इससे शहरवासियों को क्या फर्क पड़ेगा? उन्हें तो सिर्फ यह जानना है कि पुल कब बनकर तैयार होगा. अफसरों के पास इसका कोई जवाब नहीं है.
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अधूरे निर्माण ने बढ़ाई लोगों की परेशानी
भोलानाथ अंडरपास बारिश में हर साल जलजमाव से डूब जाता है. लोगों को उम्मीद थी कि आरओबी बनने से इस समस्या से मुक्ति मिलेगी. लेकिन आज भी वहां कीचड़, संकरी सड़क और अधूरी संरचना लोगों के लिए परेशानी बनी हुई है. रोजाना हजारों लोगों को जोखिम लेकर इस रास्ते से गुजरना पड़ता है.
करोड़ों खर्च, फिर भी दिखी नहीं पारदर्शिता
86.16 करोड़ की लागत से बन रहे इस पुल की जिम्मेदारी श्रीराम कंस्ट्रक्शन को मिली है. अब तक 21.57 करोड़ खर्च हो चुके हैं, लेकिन न प्रगति है, न पारदर्शिता. टेंडर राशि 59.90 करोड़ थी, लेकिन बढ़ते काम और संशोधनों के कारण खर्च भी बढ़ गया.
निर्माण की स्थिति एक नजर में
- एग्रीमेंट डेट: 2 मई 2022
- भूमि पूजन: 20 जून 2023
- फाउंडेशन कार्य: 76%
- सब-स्ट्रक्चर: 54%
- सुपर-स्ट्रक्चर: 16%
- अब तक खर्च: 21.57 करोड़ रुपये
- प्रस्तावित लागत: 86.16 करोड़ रुपये
- टेंडर राशि: 59.90 करोड़ रुपये
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