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Bhagalpur News: दत्तक ग्रहण की कानूनी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भागलपुर में एक नन्हीं बच्ची को कन्याकुमारी निवासी दंपत्ति को सौंपा गया. जिला पदाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी की अदालत में वाद की सुनवाई के बाद बालिका को गोद देने की प्रक्रिया पूरी हुई. केंद्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण (CARA) की सभी शर्तों के अनुसार यह प्रक्रिया पारदर्शिता और वैधानिकता के साथ संपन्न हुई.
ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत ही मान्य है गोद लेना
जिला प्रशासन ने बताया कि दत्तक ग्रहण की संपूर्ण प्रक्रिया अब CARA पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन की जाती है. कोई भी इच्छुक दंपत्ति सिर्फ एक वैध मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और पैन कार्ड से इस प्रक्रिया की शुरुआत कर सकते हैं. इसके बाद निकटतम विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान (SAA) द्वारा होम स्टडी रिपोर्ट तैयार की जाती है, जिससे अभ्यर्थियों की पात्रता सुनिश्चित होती है. किसी अस्पताल, नर्सिंग होम या व्यक्ति से बच्चा गोद लेना गैरकानूनी है.
24 घंटे में पंजीकरण, फिर ही वैधता
प्रोटोकॉल के तहत यदि कोई परित्यक्त बच्चा मिलता है तो 24 घंटे के भीतर उसे बाल कल्याण समिति (CWC) के समक्ष प्रस्तुत करना होता है और CARA पोर्टल पर उसका पंजीकरण भी कराना जरूरी होता है. इसके बाद विधिवत विज्ञापन और दावा प्रक्रिया पूरी होने पर बच्चे को दत्तक के लिए मुक्त किया जाता है. जिला पदाधिकारी के आदेश के बाद ही अंतिम रूप से बच्चा गोद देने की अनुमति मिलती है.
खुशी से झूम उठे दत्तक माता-पिता
दत्तक ग्रहण की इस प्रक्रिया के दौरान विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के समन्वयक, जिला बाल संरक्षण इकाई, और सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक विकास कुमार भी उपस्थित रहे. कन्याकुमारी से आए दंपत्ति ने बच्ची को गोद लेने के बाद अपनी प्रसन्नता जाहिर की और बताया कि यह उनके जीवन का सबसे विशेष क्षण है. आगे दो वर्षों तक संस्थान द्वारा नियमित फॉलोअप किया जाएगा ताकि बच्चे की देखभाल सुनिश्चित हो सके.
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