Bettiah DEO: बिहार के बेतिया में विजिलेंस की छापेमारी में जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) रजनीकांत प्रवीण के घर 2 करोड़ से ज्यादा नकद राशि मिली है. इस पर शिक्षा विभाग ने संज्ञान लिया है और डीइओ को सस्पेंड कर दिया है.
Bettiah DEO: बिहार के बेतिया में विजिलेंस की छापेमारी में जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) रजनीकांत प्रवीण के घर 2 करोड़ से ज्यादा नकद राशि मिली है. इस पर शिक्षा विभाग ने संज्ञान लिया है और डीइओ को सस्पेंड कर दिया है. छापेमारी में मिले पैसों को गिनने के लिए विजिलेंस टीम को मशीनें मंगवानी पड़ी. तीन घंटे से ज्यादा समय से उनके घर पर छापेमारी चली. उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने चहेते ठेकेदारों को ही काम दिया. उन पर कई शिक्षकों ने भी भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए हैं. उन पर लगे अन्य आरोपों की जांच भी विजिलेंस टीम की तरफ से की जा रही है. इसके अलावा, उन पर आय से अधिक संपत्ति के भी आरोप लग चुके हैं.
बेतिया, समस्तीपुर और दरभंगा स्थित उनके ठिकानों पर छापेमारी देर शाम तक जारी रही. उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग धनार्जन करने के लिए किया. गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई. फिलहाल विजिलेंस टीम रजनीकांत से पूछताछ कर रही है.
दरभंगा में पत्नी के स्कूल भी पहुंची विजिलेंस की टीम
विजिलेंस की टीम दरभंगा में रजनीकांत प्रवीण की पत्नी सुषमा कुमारी के स्कूल बिरला ओपन माइंड में भी पहुंची और छापेमारी की.बिरला ओपन माइंड स्कूल के एकेडमिक डायरेक्टर अमित कुमार के अनुसार गुरुवार सुबह पटना से आई निगरानी की छह सदस्यीय टीम पहुंची है जो लगातार स्कूल के विषय और आय व्यय का लेखा-जोखा की जांच कर रही है.
शिक्षा विभाग ने क्या कहा
शिक्षा विभाग द्वारा मामले को लेकर जारी प्रेस विज्ञप्ति हुई है. इसमें कहा गया है कि विभिन्न बैंकों में रजनीकांत प्रवीण तथा उनकी पत्नी के नाम से लॉकर 10 बैंक खाता एवं बैंक एफ डी में निवेश का पता चला है. इनकी अपनी पुत्र एवं पुत्री के नाम पर भी एफडी है. आरोपी एवं उनकी पत्नी के नाम अभी कई जमीन डिड होने के प्रमाण मिले है जिसपर विस्तृत अनुसंधान किया जायेगा. कई लाख रुपये के प्राप्त जेवरात की मूल्याकंन किया जा रहा है. अनुसंधान के दौरान इनके द्वारा अर्जित आय से अधिक सम्पत्ति प्रदेश एंव प्रदेश से बाहर मिलने की प्रबल संभावना है. रजनी कांत प्रवीण ने अपने सेवा अवधि काल में शिक्षा की सेवा में रहते हुए उन्होंने नजायज तरीके चल-अचल सम्पत्ति अर्जित की है जिससे प्रथम दृष्टया यह पता बलता है कि अभियुक्त एक भ्रष्ट पदाधिकारी है.
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