Shravani Mela 2025: सावन मास की चौथी और अंतिम सोमवारी को लेकर देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथधाम में व्यापक तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. प्रशासन और मंदिर समिति पूरी तरह अलर्ट मोड में है. अनुमान है कि सोमवारी के दिन तीन लाख से अधिक कांवरिये जलार्पण के लिए पहुंचेंगे.
श्रद्धालुओं को भक्तिमय अनुभव देने के लिए मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है. साथ ही मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था पहले से ज्यादा सख्त की गयी है. मंदिर प्रशासन ने साफ कर दिया है कि सोमवारी को किसी भी श्रद्धालु को विशेष सुविधा नहीं मिलेगी.
केवल दो विकल्प—मुख्य अरघा की सामान्य कतार और बाह्य अरघा—से ही जलार्पण होगा. इस विशेष दिन पर बाबा की परंपरागत बेलपत्र पूजा भी होगी, जिसमें केवल पुरोहित समाज को प्रवेश की अनुमति होगी.
सोमवारी को बाबा मंदिर में नहीं मिलेगी कोई विशेष सुविधा
सोमवार को बाबा मंदिर समेत प्रमुख प्रवेश द्वारों, गर्भगृह, माता पार्वती मंदिर और अन्य स्थलों को भव्य तरीके से फूलों से सजाया गया है. कांवरियों के स्वागत में मंदिर को रंगीन रोशनी और सजावट से सुसज्जित किया गया है. इस दिन मंदिर में शीघ्र दर्शनम, वीआईपी पास या अन्य किसी भी विशेष सुविधा की अनुमति नहीं दी जाएगी.
भक्तों को केवल सामान्य कतार से जलार्पण करना होगा. बाबा मंदिर के निकास द्वार पर स्थित बाह्य अरघा को दूसरा विकल्प रखा गया है. इसी से भक्त जल चढ़ा सकेंगे.
रात को होगी विशेष बेलपत्र पूजा, आम श्रद्धालु नहीं होंगे शामिल
सोमवार की रात आठ से साढ़े आठ बजे तक बाबा मंदिर में विशेष परंपरा निभायी जायेगी. इस दौरान अरघा को अस्थायी रूप से हटाकर बाबा को बेलपत्र चढ़ाया जायेगा. यह पूजा केवल पुरोहित समाज के लिए होगी. पूजा के समय आम श्रद्धालुओं का प्रवेश गर्भगृह में प्रतिबंधित रहेगा. मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि केवल स्थानीय पुरोहित जो प्रशासनिक भवन से प्रवेश करेंगे, वही गर्भगृह में जा सकेंगे.
इसके लिए विशेष दारोगा की ड्यूटी लगायी गयी है, जो पुरोहितों की पहचान सुनिश्चित करेंगे. सुरक्षा के मद्देनजर सिंह द्वार समेत सभी मुख्य द्वारों पर विशेष पुलिस बल की तैनाती की गयी है.
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रविवार को 1.93 लाख कांवरियों ने किया जलार्पण
रविवार को बाबा मंदिर में सुबह अपेक्षाकृत कम भीड़ रही. हालांकि, दोपहर बाद कांवरियों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई. सुबह सवा चार बजे पुजारी अजय झा ने बाबा की दैनिक सरदारी पूजा की और फिर जलार्पण की शुरुआत हुई. शीघ्रदर्शनम कूपन की सेवा इस दिन बंद रही.
भक्तों ने आंतरिक अरघा और बाह्य अरघा से जलार्पण किया. देर शाम तक कुल 1.93 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा को जल अर्पित किया, जिनमें 1.27 लाख ने आंतरिक अरघा से और करीब 66 हजार ने बाह्य अरघा से जल चढ़ाया.
प्रसाद में शामिल हुई बाबा की तस्वीर, आस्था से जुड़ा कारोबार
इस बार पारंपरिक प्रसाद जैसे पेड़ा, चूड़ा, इलायची दाना और सिंदूर के साथ-साथ बाबा की तस्वीरें भी भक्तों के बीच लोकप्रिय हो रही हैं. कांवरिये इन्हें आस्था के प्रतीक के रूप में अपने घर लेकर जा रहे हैं. श्रद्धालु बाबा की तस्वीर को पूजा घर में स्थान देते हैं और इसे प्रसाद मानकर पूजते हैं.
मोतीहारी से आये श्रद्धालु ने बताया कि वे हर साल बाबा की नयी तस्वीर लेकर जाते हैं और पूजा घर में रखते हैं. शहर के कोने-कोने में बाबा की तस्वीरें बेचने वालों की भरमार है. हर दिन हजारों तस्वीरें बिक रही हैं और इससे लाखों रुपये का कारोबार हो रहा है.
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