Uttar Pradesh Exports: उत्तर प्रदेश सरकार ने 2030 तक राज्य के निर्यात को तीन गुना बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की है, जिसके तहत राज्य को वैश्विक व्यापार के केंद्र के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है. विशेष रूप से, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टैरिफ युद्ध ने यूपी के लिए एक अवसर पैदा किया है, जिसे राज्य सरकार अपने लाभ में बदलने की योजना बना रही है.
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निवेश के लिए यूपी का मजबूत ढांचा
- कानून व्यवस्था और कुशल कार्यबल: राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था और कुशल कार्यबल निवेशकों को आकर्षित कर रहा है.
- ओडीओपी योजना: “एक जिला एक उत्पाद” योजना ने निर्यात को 88,967 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक किया है.
- बुनियादी ढांचे का विकास: एक्सप्रेस-वे, हवाई अड्डों और जलमार्गों का विकास व्यापार को सुगम बना रहा है.
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चीन से कारोबार बढ़ाने की रणनीति
यूपी सरकार चीन से बाहर निकलने की इच्छुक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए नई निर्यात नीति ला रही है. ग्रेटर नोएडा में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शो आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें वियतनाम जैसे देश भाग ले रहे हैं.
- नई निर्यात नीति: इस नीति का उद्देश्य निवेश यूपी को और अधिक कुशल और पारदर्शी बनाना है. जिससे निवेशकों को आसानी से राज्य में निवेश करने का अवसर मिले और विदेशी निवेश बढ़ सके.
- इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में आयोजन: यूपी सरकार, ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शो आयोजित करती है. इस आयोजन में वियतनाम जैसे देशों का भागीदारी करने का प्रस्ताव है, जिससे राज्य के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट किया जा सके.
एमएसएमई क्षेत्र पर विशेष ध्यान
चमड़े और जूतों के निर्यात के लिए विशेष नीति बनाई गई है, जिससे कानपुर, उन्नाव और आगरा को लाभ होगा। 96 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयों को प्रशिक्षण देकर वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा रहा है.
यूपी का वैश्विक दृष्टिकोण
यूपी सरकार की ओडीओपी योजना, एमएसएमई विकास और बुनियादी ढांचे के विकास से राज्य में व्यापार के अवसर बढ़ रहे हैं. नई निर्यात नीति और अंतरराष्ट्रीय व्यापार शो से विदेशी निवेश आकर्षित होगा. 2030 तक, यूपी “निर्यात का पावरहाउस” बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.
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