Tonga Earthquake: म्यांमार और बैंकॉक के बाद अब टोंगा भी भूकंप से थर्रा गया है. यहां 7.1 तीव्रता आंकी गई है. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार प्रशांत महासागर में बसे टोंगा द्वीप समूह में रविवार शाम करीब 5.48 बजे भूकंप आया. यानी, जबरदस्त झटके महसूस किए गए. हालांकि भूकंप से अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है.
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक भूकंप मुख्य द्वीप से लगभग 100 किलोमीटर (62 मील) उत्तर-पूर्व में आया. इससे एक अनुमान लगाया जा रहा है कि तटों पर खतरनाक लहरें उठ सकती है.
शक्तिशाली भूकंप के बाद टोंगा के तटों पर खतरनाक लहरें उठ सकती है. प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने चेतावनी जारी की है. साथ ही कहा कि भूकंप के केंद्र से 300 किलोमीटर (185 मील) के अंदर स्थित तटों पर खतरनाक लहरें उठ सकती हैं. टोंगा पोलिनेशिया में स्थित एक देश है, जो 171 द्वीपों से बना है तथा इसकी जनसंख्या 100,000 से कुछ अधिक है. देश की अधिकतर आबादी मुख्य द्वीप टोंगाटापू पर रहती है. यह ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट से 3,500 किलोमीटर (2,000 मील) से अधिक दूरी पर स्थित है.
An earthquake with a magnitude of 7.0 on the Richter Scale hit Tonga Islands at 5.48 pm IST today: National Center for Seismology pic.twitter.com/netiUxL0f4
— ANI (@ANI) March 30, 2025
इसे भी पढ़ें
- म्यांमार की मदद के लिए भारत से NDRF की टीम रवाना, दल में खोजी कुत्ते भी शामिल
- छत्तीसगढ़ के सुकमा में 16 नक्सली ढेर; 10 किमी तक कंधे पर शव लादकर लौट रहे जवान
- विक्रमशिला सेतु का मेंटेनेंस के लिए टेंडर जारी, अगले साल 31 मार्च तक चलेगा काम
- एक्शन थ्रिलर ‘सिकंदर’ बड़े पर्दे पर रिलीज, स्क्रीन पर सलमान खान को देख सिनेमाघर में झूमने लगे दर्शक
म्यांमार : अबतक1644 लोगों की मौत
शुक्रवार 28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था. जिसमें अब तक म्यांमार में 1,644 लोगों की मौत हो चुकी है और 3,408 लोग घायल हुए हैं. अबतक कई क्षेत्रों में बचाव कार्य नहीं हो पाया है. अब तक कई इलाकों में लोग हाथों से मलबा हटाने में लगे हैं. म्यांमार में विदेशी सहायता पहुंचना शुरू हो गयी है.
दो भारतीय सी-17 सैन्य परिवहन विमान शनिवार देर रात नेपीताव में उतरे, जिसमें सेना का एक चिकित्सा दल और कुछ 120 कर्मी सवार थे. म्यांमार के विदेश मंत्रालय के अनुसार, ये भारतीय दल 60 बिस्तरों वाला आपातकालीन उपचार केंद्र बनाने के लिए उत्तर मांडले पहुंचेंगे.