Bihar News: बिहार सरकार राज्य के 19 जिलों में स्थित 51 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (UPHC) को पॉली क्लीनिक में बदलने जा रही है. इस योजना के तहत मरीजों को एक ही परिसर में विभिन्न प्रकार की विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी. पॉली क्लीनिक का संचालन नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन (NUHM) के तहत लोक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल में किया जाएगा. राज्य स्वास्थ्य समिति ने इस उद्देश्य से एजेंसी का चयन कर लिया है और जिलों को जरूरी दिशा-निर्देश भी भेजे गए हैं.
इलाज की बदलती परिभाषा: अब शहरी पीएचसी बनेंगे पॉली क्लीनिक
बिहार सरकार की नई योजना के तहत गया, नालंदा, पटना, रोहतास, दरभंगा, बांका, भागलपुर, मुंगेर, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, गोपालगंज, सीवान, सारण और सहरसा जिलों के चयनित 51 UPHC को पॉली क्लीनिक के रूप में विकसित किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित जिलों के सिविल सर्जनों को निर्देश दिया है कि वे चयनित एजेंसी के साथ अलग से कोई अनुबंध न करें, बल्कि राज्यस्तरीय समझौते के तहत ही संचालन हो.
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निजी प्रबंधन से उम्मीदें, सरकारी ढांचे का होगा बेहतर उपयोग
सरकार का मानना है कि निजी भागीदारी से इन केंद्रों का संचालन अधिक प्रभावी होगा. वर्तमान में अधिकांश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रेफरल अस्पताल की भूमिका में सीमित हो चुके हैं. ऐसे में पीपीपी मॉडल के माध्यम से मरीजों को बेहतर परामर्श, जांच और उपचार की सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है.
पहले चरण में जिन 51 केंद्रों का चयन किया गया है, उनमें आधारभूत संरचना पहले से मौजूद है. सरकार का लक्ष्य इन संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देना है.
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