Air India: भारत की सबसे बड़ी विमान दुर्घटनाओं में शामिल AI-171 हादसे के बाद टाटा समूह ने गंभीर कदम उठाया है. समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने टाटा बोर्ड से एक विशेष राहत ट्रस्ट बनाने की अनुमति मांगी है, जिसके लिए ₹500 करोड़ का आवंटन प्रस्तावित है. यह ट्रस्ट मारे गए यात्रियों और चालक दल के परिजनों को दीर्घकालिक सहायता देने के मकसद से बनाया जाएगा.
बोर्ड बैठक में श्रद्धांजलि और प्रस्तावों की समीक्षा
टाटा समूह के नौ सदस्यीय बोर्ड ने हाल में हुई बैठक में हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी. बैठक में चंद्रशेखरन ने अब तक किए गए राहत कार्यों की जानकारी साझा की और आगे की रणनीति पर चर्चा की. बोर्ड के समक्ष ₹500 करोड़ के विशेष राहत ट्रस्ट की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया, जिसे टाटा ट्रस्ट्स और एयर इंडिया मिलकर संचालित करेंगे. इस ट्रस्ट के माध्यम से केवल तत्काल सहायता ही नहीं, बल्कि भविष्य में शिक्षा, पुनर्वास और अन्य ज़रूरतों को भी कवर किया जाएगा.
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12 जून की सुबह हुआ भारत का सबसे बड़ा विमान हादसा
अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हो गई थी. हादसे में 275 लोगों की जान गई, जिनमें 241 यात्री और 34 चालक दल के सदस्य शामिल थे. इसे भारत की अब तक की सबसे बड़ी विमान त्रासदियों में गिना जा रहा है. इस घटना के बाद चंद्रशेखरन ने एयर इंडिया के दैनिक संचालन का प्रभार खुद संभाल लिया है ताकि राहत और पुनर्गठन की प्रक्रिया तेज़ की जा सके.
निवेश और पुनर्गठन योजना भी जारी
टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में एयर इंडिया में कुल ₹9,558 करोड़ का निवेश किया है. इसमें अकेले टाटा समूह ने मार्च 2025 तक ₹4,306 करोड़ और सिंगापुर एयरलाइंस ने ₹6,333.18 करोड़ का योगदान दिया है. एयर इंडिया के कायाकल्प के लिए जनवरी 2022 में अधिग्रहण के साथ ही पांच वर्षीय परिवर्तन योजना शुरू की गई थी. नवंबर 2024 में विस्तारा एयरलाइंस का एयर इंडिया में विलय हुआ, जिससे सिंगापुर एयरलाइंस को 25.1% हिस्सेदारी प्राप्त हुई.
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