Home बिहार भागलपुर सिटी Sultanganj-Aguwani Ganga Bridge: पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से का मलवा धराशाई, देखें वीडियो

Sultanganj-Aguwani Ganga Bridge: पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से का मलवा धराशाई, देखें वीडियो

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Sultanganj-Aguwani Ganga Bridge: पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से का मलवा धराशाई, देखें वीडियो

Bihar Bridge Collapse: भागलपुर जिले में बन रहे सुलतानगंज-अगुवानी घाट गंगा ब्रिज के क्षतिग्रस्त हिस्से का मलवा शनिवार को धराशाई हो गया. इस पुल का काम एक साल से बंद है. तेज आवाज चली, तो इससे सपोर्टिंग पार्ट पानी के तेज बहाव में गिर गया.

Bihar Bridge Collapse: सुलतानगंज-अगुवानी घाट गंगा ब्रिज के क्षतिग्रस्त हिस्से का मलवा शनिवार को गंगा में गिर गया. यह तेज हवा के साथ गंगा के बहाल में धराशाई हो गयी. हालांकि, इससे किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. लेकिन, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि गंगा नदी में जलस्तर के बढ़ने के कारण तेज बहाव से पुल का एक क्षतिग्रस्त हिस्सा पानी में बह गया है, जिसे हटाने का निर्देश पहले ही दिया जा चुका था. इस पुल का निर्माण अब नये सिरे होगा. निर्माण की दिशा में प्रक्रिया अपनायी जा रही है.

गंगा पुल के लिए नया डिजाइन तैयार कराया जा रहा है. इसकी प्रक्रिया पूरे होते ही फिर से पुल बनने लगेगा. निगम ने कहा कि पुल के डिजाइन की जिम्मेवारी एजेंसी की थी. पुल का पहला भाग 30अप्रैल, 2022 को क्षतिग्रस्त हुआ था. इसे तोड़कर हटाने का निर्देश दिया गया था. इसके डिजाइन की जांच आइआइटी रूड़की द्वारा करायी गयी थी. इसके अलावा पुल के सब स्ट्रक्चर एवं फाउंडेशन की भी जांच करायी जा रही है.

हटाया जाना था गंगा में गिरा हिस्सा

पुल निर्माण निगम ने कहा कि कि गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि एवं तेज बहाव होने के कारण शनिवार को क्षतिगस्त हो गया. यह भाग पूर्व के क्षतिग्रस्त भाग, जिसे हटाया जाना था. यह उसी का ही एक हिस्सा था. इस पुल पर किसी भी प्रकार का कार्य नहीं कराया जा रहा है. पुल का दूसरा भाग चार जून, 2023 को क्षतिग्रस्त हो गया था और इसके बाद से पुल का काम बंद है.

क्षतिग्रस्त हिस्सा गिरने से उठी तेज लहर

शनिवार सुबह जैसे ही क्षतिग्रस्त हिस्से का बचा हुआ स्ट्रक्चर गिरा, तो पानी में जोर की आवाज आई. मौजूद लोग भी अचंभित रह गए. अपने भारी-भरकम वजन के कारण गिरते हुए पिलरों के साथ गंगा के पानी में लगभग 100 फीट ऊंचा उछाल आया. ऐसा लगा मानो सूनामी आया हो. गंगा की लहरें लगभग दो किलोमीटर तक भयानक हिलोरें लेने लगीं.

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