Home राष्ट्रीय Shankaracharya अविमुक्तेश्वरानंद ने उद्योगपतियों को लेकर दिया बड़ा बयान, जानें क्या कहा

Shankaracharya अविमुक्तेश्वरानंद ने उद्योगपतियों को लेकर दिया बड़ा बयान, जानें क्या कहा

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Shankaracharya Avimukteshwarananda: देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी चर्चित रही है. लेकिन, इस शादी में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के शामिल होने पर नया विवाद छिड़ गया है.

शंकराचार्य ने कहा- समाज का स्तंभ हैं उद्योगपति

Shankaracharya Avimukteshwarananda:  अनंत अंबानी और राधिका मर्चेट के शादी समारोह में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भी शामिल हुए थे. अब उन्होंने उद्योगपतियों को लेकर बड़ा बयान दिया है .इसपर खुद शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में वानप्रस्थ आश्रम का महत्वपूर्ण स्थान है ऐसे में विवाह में साधुओं का शामिल होना गलत नहीं है.

उद्योग धंधा लगाने वालों को राष्ट्र के लिए योगदान करने वाला माना जाता है

शंकराचार्य ने कहा, ‘हमारे यहां उद्योग धंधा लगाने वालों को राष्ट्र के लिए योगदान करने वाला माना जाता है. उनको सरकारें समर्थन करती हैं. लाखों-करोड़ों का अनुदान करती हैं. अगर उद्योग घाटे में चला जाए तो सरकार अपना पैसा देकर उनको उबारती हैं और फिर से उन्हें उद्योग चलाने का मौका देती हैं. हमारे देश के प्रधानमंत्री ने लाखों करोड़ों रुपया उद्योगपतियों का माफ किया है. राजनीतिक दृष्टी से आरोप लगाना अलग बात है.

समाज का स्तंभ हैं उद्योगपति- शंकराचार्य

शंकराचार्य ने कहा कि सच्चाई ये है कि देश के हर प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों को समय-समय पर बड़े-बड़े पैकेज की राहत दी है. क्योंकि] उनका हमारी अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में बहुत बड़ा योगदान है. उनके बिना देश चलना मुश्किल हो जाएगा. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि उद्योगपतियों को बुरा-भला कहना ये राजनीतिक भाषा किसी की हो सकती है और हमें इससे आपत्ति नहीं है, लेकिन वास्तविकता ये है कि उद्योगपति भी समाज का स्तंभ हैं.

‘न परोसा मांसाहार ओर न ही परोसी गयी शराब

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद अंबानी परिवार के शादी समारोह में शामिल होने पर कहा, ‘अंबानी परिवार ने अपने बेटे का विवाह किया. जिसमें लंबे समय तक कार्यक्रम आयोजित किए गए, लेकिन किसी भी दिन शराब परोसी नहीं गई. अलग-अलग मौकों पर हजारों व्यंजन बनाए, लेकिन एक भी दिन मांसाहार नहीं परोसा गया. भारतीय संस्कृति का अनुसरण करते हुए ये विवाह संपन्न किया गया तो हम भी आशीर्वाद देने वहां पहुंचे. इतना बड़ा आयोजन बिना शराब और मांसाहार के हुआ ये अद्भुत बात है. 

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