meat shop ban UP : कांवड़ यात्रा के बीच इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना कौसर हयात खान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक कड़ा पत्र लिखा है. अपने पत्र में मौलाना ने दावा किया है कि यह धार्मिक आयोजन अब “धार्मिक उन्माद” और “उत्पात” का रूप ले चुका है, जिससे आम लोगों की सुरक्षा और आजीविका दोनों खतरे में पड़ गई है. मौलाना ने खासतौर पर मीट दुकानों पर लगे प्रतिबंध को लेकर चिंता जताई है और कहा कि इससे लाखों लोग बेरोजगारी का शिकार हो रहे हैं.
उत्पाती तत्वों को खुली छूट
पत्र में मौलाना ने कहा कि कांवड़ यात्रा के नाम पर सड़क पर झगड़े, वाहनों को नुकसान और आम नागरिकों से बदसलूकी आम हो गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब कुछ पुलिस की मौजूदगी में हो रहा है. यहां तक कि कई स्थानों पर कांवड़ियों और पुलिस के बीच भिड़ंत भी हुई, जिसमें पुलिसकर्मी तक घायल हुए हैं.
‘सरकार ने दी खुली छूट, आम जनता भुगत रही है’
मौलाना कौसर हयात ने लिखा, “प्रदेश सरकारों ने कांवड़ियों को तो सुरक्षा दी है लेकिन आम नागरिकों को अनदेखा किया है. महिलाओं और बच्चों तक के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है. इससे लगता है कि सरकार उत्पाती तत्वों को खुली छूट दे रही है या फिर वह स्थिति को संभालने में पूरी तरह नाकाम है.”
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मीट की दुकानें बंद होने से लाखों लोग बेरोजगारी से जूझ रहे
मौलाना कौसर हयात खान कहा कि कांवड़ यात्रा में मुख्य मार्गों पर यातायात आम जनता के लिए प्रतिबंधित करने से भी अराजकता व अशांति पैदा हुई है. देश की करोड़ों जनता को भारी बहुत कष्ट व कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. जनता को अपनी रोजमर्रा की निजी यात्रा पर ज्यादा समय व ज्यादा धन खर्च करना पड़ रहा है. इसके अलावा कांवड़ यात्रा पर मीट की दुकानों व होटलों को बन्द किया गया है जबकि शराब की दुकानें यथावत खुली हैं. मीट की दुकानें बंद होने से लाखों लोग बेरोजगारी के संकट से जूझ रहे हैं. सरकार के इस कदम से आम जनता में असंतोष की भावना पैदा हुई है. यह सरासर पक्षपात पूर्ण कार्रवाई है.
‘मीट की दुकानें बंद, शराब की दुकानें चालू– ये कैसा नियम?’
मौलाना ने कहा कि सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान मीट दुकानों को बंद कराया है, लेकिन शराब की दुकानें खुली हैं. यह दोहरे मापदंड का उदाहरण है. उनका कहना है कि इससे लाखों गरीब दुकानदारों की आजीविका छिन गई है. उन्होंने मांग की कि मीट दुकानों से प्रतिबंध हटाया जाए और धर्म के नाम पर इस तरह की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई बंद हो.
सरकार को दिए सुझाव, कानून व्यवस्था बहाल करने की मांग
मौलाना कौसर हयात ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि:
- कांवड़ यात्रा के लिए अलग कॉरिडोर बने ताकि मुख्य सड़कों पर यातायात प्रभावित न हो.
- मीट दुकानों और होटलों पर लगे प्रतिबंध तत्काल हटाए जाएं.
- कांवड़ यात्रा में हुए उत्पात पर कार्रवाई हो और मुआवजा दिया जाए.
- आम नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित की जाए.
उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक को भी इस मुद्दे पर पत्र लिखा गया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
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