Bihar News: पटना नगर निगम को स्वच्छता के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि के लिए दिल्ली के विज्ञान भवन में सम्मानित किया गया है. स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में राष्ट्रीय स्तर पर पटना को 21वीं रैंकिंग मिली है, साथ ही शहर को GFC यानी Garbage Free City कैटेगरी में 3-स्टार रेटिंग भी प्राप्त हुई है. नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने इसे शहरवासियों की जागरूकता और निगम की कड़ी मेहनत का परिणाम बताया.
कबाड़ से किफायत की पहल और जागरूकता का असर
नगर निगम ने कबाड़ हो चुकी गाड़ियों को पिंक टॉयलेट, लू कैफे और एम्बुलेंस में बदलकर अनोखी मिसाल पेश की है. सिटीजन फीडबैक कैटेगरी में भी पटना को देशभर में चौथा स्थान मिला है. इसमें जागरूकता रैलियों, नुक्कड़ नाटकों, स्कूल प्रतियोगिताओं और सोशल मीडिया कैंपेन का अहम रोल रहा.
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घर-घर सफाई और हाईटेक निगरानी से मिली बढ़त
सफाई को लेकर निगम ने डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, कचरे का पृथक्करण, कंपोस्टिंग यूनिट और मॉडर्न वॉशरूम सिस्टम को लागू किया. साथ ही 75 वार्डों में हाईटेक वॉकी-टॉकी सिस्टम शुरू कर सफाई और जलनिकासी कार्यों की निगरानी को स्मार्ट बनाया गया है.
निगम की योजनाएं और जागरूकता का असर
पुरानी गाड़ियों से नई सुविधा:
निगम ने बेकार पड़ी गाड़ियों को पिंक टॉयलेट, लू कैफे, निगम नीर और मेवहॉल एम्बुलेंस के रूप में दोबारा उपयोग कर नई पहचान दी है.
जन-जागरूकता से मिला चौथा स्थान:
नुक्कड़ नाटक, मोबाइल ऐप, स्कूल प्रतियोगिताएं और जागरूकता रैलियों के जरिये नागरिकों को जोड़ने का असर दिखा. घर-घर जाकर फीडबैक फॉर्म भरवाए गए.
डोर-टू-डोर कलेक्शन:
निगम ने कचरे का पृथक्करण, कंपोस्टिंग यूनिट्स, और वॉशरूम प्रबंधन में सुधार कर सफाई व्यवस्था को मजबूती दी.
स्मार्ट निगरानी प्रणाली:
सभी 75 वार्डों में हाईटेक वॉकी-टॉकी सिस्टम लागू किया गया, जिससे सफाई और जलनिकासी की निगरानी रियल टाइम में हो रही है.
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