Featured Image

Dengue In Bihar: मुजफ्फरपुर जिले के बरूराज प्रखंड में एक और बच्चा एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार से ग्रसित पाया गया है. इसके साथ ही अब तक जिले में कुल 32 मामले दर्ज हो चुके हैं. वहीं, एसकेएमसीएच में विभिन्न जिलों से भर्ती बच्चों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है.

AES के ताजा हालात

बरूराज निवासी अरुण चौधरी के पुत्र अंश कुमार को चमकी बुखार के लक्षण दिखने पर एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों की देखरेख में उपचार के बाद बच्चे को स्वस्थ घोषित कर घर भेज दिया गया. जिले के कांटी, मीनापुर, मुशहरी, कुढ़नी और बोचहां प्रखंडों को हाई रिस्क जोन माना गया है, जबकि मुरौल में अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है. शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गोपालशंकर सहनी के मुताबिक समय पर इलाज से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है.

डेंगू के बढ़ते मरीज, स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव

मुजफ्फरपुर में डेंगू के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य मुख्यालय ने अलर्ट जारी किया है, लेकिन तैयारी अधूरी दिख रही है. सदर अस्पताल में जांच किट की कमी से हालात बिगड़ गए हैं. पिछले चार दिनों में 40 से अधिक संदिग्ध मरीजों को एसकेएमसीएच रेफर करना पड़ा. हर दिन बड़ी संख्या में लोग डेंगू जैसे लक्षण लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं.

अस्पताल प्रशासन की चुनौती

सदर अस्पताल के प्रबंधक प्रवीण कुमार ने बताया कि किट की मांग स्वास्थ्य विभाग को भेज दी गई है और जल्द ही आपूर्ति होने की संभावना है. फिलहाल जिले के किसी भी सरकारी केंद्र पर टेस्ट किट उपलब्ध नहीं है. डॉक्टरों का कहना है कि शुरुआती पहचान और सही समय पर इलाज से गंभीर स्थिति से बचाव संभव है.

इसे भी पढ़ें-

चिट्ठी-पार्सल अब ढूंढना होगा आसान, बिहार के हर मकान को मिलेगा डिजिपिन

झारखंड में नयी शराब नीति लागू, 1 सितंबर से निजी हाथों में होगी खुदरा बिक्री

गैंगस्टर मयंक सिंह को अजरबैजान से लाया गया भारत, झारखंड पुलिस की बड़ी कामयाबी

देश के इस राज्य में BEd नामांकन प्रक्रिया ठप! कॉलेजों में सन्नाटा, छात्रों का भविष्य संकट में

ऑनलाइन गेमिंग पर कड़ा कानून: कमाई पर तीन साल की जेल; 1 करोड़ का जुर्माना, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

अन्य संबंधित खबरें: