MEA Reacts On Pakistan Comment: भारत ने मंगलवार (15 अप्रैल, 2025) को कहा कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की बात आने पर पड़ोसी देश पाकिस्तान को अपने खुद के खराब रिकॉर्ड को देखना चाहिए. यह बातें तब कहीं, जब वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 पर पाकिस्तान ने टिप्पणी की. भारत ने पाकिस्तान की टिप्पणियों की आलोचना की. यह भी कहा कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के मामले में पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने के बजाय अपने खुद के खराब रिकॉर्ड पर गौर करना चाहिए.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हम भारत की संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम पर पाकिस्तान की गई प्रेरित और निराधार टिप्पणियों को दृढ़ता से अस्वीकार करते हैं. भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का पाकिस्तान को कोई अधिकार नहीं है. अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के मामले में पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने के बजाय अपने खुद के खराब रिकॉर्ड पर गौर करना चाहिए.
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” पिछले सप्ताह, वक्फ संशोधन अधिनियम पर टिप्पणी करते हुए पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने भारत की ओर से वक्फ कानूनों में किये गए बदलावों की निंदा की थी और इसे भारतीय मुसलमानों के धार्मिक और आर्थिक अधिकारों का उल्लंघन बताया था.
पाकिस्तान ने क्या कहा था ?
शफकत अली खान ने अपनी वीकली प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “इस भेदभावपूर्ण कानून का पारित होना भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद को भी दर्शाता है. इस बात की गंभीर आशंका है कि यह भारतीय मुसलमानों को और अधिक हाशिए पर धकेलने में योगदान देगा.”
विपक्ष ने जताया विरोध
विपक्ष ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार संविधान को कमजोर करने, अल्पसंख्यकों को बदनाम करने और उनके अधिकारों से वंचित करने के साथ-साथ समाज को विभाजित करने का प्रयास कर रही है. वक्फ विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में लगातार कई दिनों तक चली तीखी बहस के बाद आसानी से पारित हो गया और 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई. सरकार ने कहा है कि यह अधिनियम संपत्ति और प्रबंधन के बारे में है, धर्म के बारे में नहीं और तर्क दिया कि वक्फ के नाम पर बहुत बड़ी मात्रा में जमीन पर कब्जा कर लिया गया है. वहीं विपक्ष ने इसका विरोध किया.