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Muzaffarpur News : जीएसटी रिटर्न भरने में लापरवाही अब कारोबारियों पर भारी पड़ रही है. बीते 15 दिनों में जीएसटी पोर्टल से ईमेल के माध्यम से करीब 40 व्यवसायियों और उद्यमियों को नोटिस भेजे गए हैं. नोटिस मिलने के बाद व्यापारी तकनीकी भूलों को दुरुस्त करने में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. नियमों की सख्ती के चलते गलती की गुंजाइश नहीं बची है, जिससे व्यापार जगत में चिंता बढ़ी है.

तकनीकी चूक पर भी जुर्माने का डर

कर विशेषज्ञों के अनुसार जीएसटी प्रणाली में किसी भी प्रकार की तकनीकी भूल को सीधे गंभीर उल्लंघन माना जा रहा है. टैक्सेशन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार वर्मा का कहना है कि मौजूदा प्रावधानों के तहत ज्यादातर मामलों को सेक्शन 74 के अंतर्गत दर्ज किया जाता है, जिसे कर चोरी से जोड़ा जाता है. इसका अर्थ यह है कि साधारण गलती को भी टैक्स चोरी मान लिया जाता है और व्यापारी पर जुर्माने का बोझ डाल दिया जाता है.

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लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है

व्यापारियों और टैक्स प्रोफेशनल्स का कहना है कि तकनीकी गड़बड़ी को सुधारने की प्रक्रिया बेहद जटिल और लंबी है. एक बार नोटिस जारी होने के बाद व्यापारी को कई औपचारिकताओं और पूछताछ से गुजरना पड़ता है. इसका असर उनके कारोबार पर भी पड़ रहा है.

सुधार की जरूरत

टैक्सेशन बार एसोसिएशन का मानना है कि मौजूदा प्रावधानों में संशोधन बेहद जरूरी है, क्योंकि तकनीकी भूल को कर चोरी की श्रेणी में रखना उचित नहीं है. प्रदीप वर्मा ने कहा कि व्यापारियों को राहत देने और नियमों को व्यावहारिक बनाने का काम केवल जीएसटी कमेटी ही कर सकती है.

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