Mayank Singh News: झारखंड एटीएस के हत्थे चढ़ा कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह उर्फ सुनील कुमार मीणा शनिवार को भारी सुरक्षा घेरे में रामगढ़ अदालत में पेश किया गया. एंटी लैंड माइंस वाहन से लाए गए आरोपी ने जज के सामने खुद को निर्दोष बताते हुए दावा किया कि वह मयंक सिंह नहीं है. उसने कहा, इस नाम का कोई और व्यक्ति होगा.
अपर न्यायिक दंडाधिकारी संदीप बर्मन की अदालत में एटीएस और बचाव पक्ष के वकील के बीच लंबी दलीलें चलीं. हालांकि एटीएस की रिमांड की मांग को कोर्ट ने ठुकरा दिया और आरोपी को सीधे रामगढ़ उपकारा भेजने का आदेश दिया.
रेड कॉर्नर नोटिस पर हुई थी गिरफ्तारी
सुनील मीणा पर रामगढ़ और पतरातू थाने समेत झारखंड के कई जिलों में गंभीर मामले दर्ज हैं. रंगदारी और आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए एटीएस ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था. इसी आधार पर उसे अक्टूबर 2024 में अजरबैजान से दबोच लिया गया. प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद शनिवार को उसे रांची लाकर कोर्ट में पेश किया गया.
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राजस्थान से लेकर झारखंड-पंजाब तक फैला अपराध नेटवर्क
गैंगस्टर मूल रूप से राजस्थान के नयी मंडी थाना क्षेत्र, जीडीएस पुरानी मंडी घड़ासाहन का रहने वाला है. उस पर 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. झारखंड के अलावा राजस्थान और पंजाब में भी उसके खिलाफ कई केस चल रहे हैं.
अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई से था कनेक्शन
सूत्रों के अनुसार, आरोपी का झारखंड के कुख्यात अपराधी अमन साहू और इंटरनेशनल गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से संपर्क रहा है. यह आपसी सहयोग से रंगदारी और अन्य अपराधों को अंजाम देते थे. कुछ महीने पहले पुलिस मुठभेड़ में अमन साहू मारा गया था.
झारखंड पुलिस के इतिहास में पहला सफल प्रत्यर्पण
अजरबैजान से आरोपी को लाने वाली एटीएस टीम की अगुवाई एसपी ऋषभ कुमार झा ने की. उन्होंने बताया कि यह झारखंड पुलिस के इतिहास में पहला सफल प्रत्यर्पण है. झा के मुताबिक, अब अन्य फरार अपराधियों को भी इसी प्रक्रिया के जरिए भारत लाने की कोशिश होगी. उन्होंने कहा कि यह सफलता पुलिस मुख्यालय, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयास का नतीजा है.
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