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Wednesday, July 2, 2025
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Mahalaya 2024: महालया आज, पितृपक्ष का हो जायेगा समापन, मां दुर्गा आयेंगी धरती पर, गूंजेंगे जागो तुमि जागो…के बोल

Mahalaya 2024: महालया आज यानी 2 अक्तूबर बुधवार को है. इस दिन लोगों द्वारा विभिन्न गंगा घाटों पर अपने दिवंगत पूर्वजों को श्रद्धांजलि दी जायेगी और इसके साथ पितृ पक्ष का समापन हो जायेगा. सुबह चार बजे से महालया पाठ होने लगेगा. गुरुवार को कलश स्थापना पूजन के लिए सुबह पांच बजे के बाद से लेकर दोपहर के तीन बजे तक शुभ मुहूर्त है.

Mahalaya 2024: महालया आज, पितृपक्ष का हो जायेगा समापन, मां दुर्गा आयेंगी धरती पर, गूंजेंगे जागो तुमि जागो...के बोल Mahalaya 2024
महालया 2024

Mahalaya 2024: महालया 02 अक्तूबर बुधवार को है और इस दिन लोगों द्वारा विभिन्न गंगा घाटों पर अपने दिवंगत पूर्वजों को श्रद्धांजलि दी जायेगी. गंगा तटों पर पूर्वजों का तर्पण करेंगे और इसके साथ ही पितृ पक्ष का समापन हो जायेगा. वहीं, सुबह चार बजे से महालया पाठ होने लगेगा. नवरात्रि या दुर्गा पूजा के लिए जो प्रतिमाएं बनायीं जाती हैं, उनमें आंखें महालया के दिन ही लगाते हैं. गुरुवार को कलश स्थापना पूजन के लिए सुबह पांच बजे के बाद से लेकर दोपहर के तीन बजे तक शुभ मुहूर्त है. कालीबाड़ी दुर्गा मंदिर के महासचिव विलास कुमार बागची ने बताया कि बंगाली रीति-रिवाज से यहां पूजा शुरू होगी. आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्रि का प्रारंभ हो जायेगा. उन्होंने बताया कि इसमें मां दुर्गा की पूजा करते हैं.

गुरुवार से शारदीय नवरात्रि हो जायेगा आरंभ

महालया के अगले दिन शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो जायेगी. कलश स्थापना की जायेगी. बंगाली समाज में इसकी तैयारी कर ली गयी है. वे लोग ””जागो तुमि जागो”” (तुम जागो) कहकर अलसुबह उठेंगे और ”” चंडी पाठ सुनेंगे. इसके लिए रेडियो के साथ ही घर-घर में मोबाइल पर भी देवी से संबंधित श्लोक व गीत सुनने की व्यवस्था की गयी है. महालया को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन मां दुर्गा कैलाश पर्वत से धरती पर आती हैं. देवी के इसी क्रम को महालया कहते हैं.

Mahalaya 2024: महालया आज, पितृपक्ष का हो जायेगा समापन, मां दुर्गा आयेंगी धरती पर, गूंजेंगे जागो तुमि जागो...के बोल पितृ पक्ष का समापन 2024 1
पितृ पक्ष का समापन 2024

9 दिनों तक आस्था की ज्योति प्रज्ज्वलित होगी

गुरुवार को ग्रह गोचरों के शुभ संयोग में घरों, दुर्गा मंदिरों से लेकर पूजा पंडालों तक में कलश स्थापना होगी. विजयादशमी 12 अक्तूबर को समाप्त होगा. कलश स्थापना को लेकर इन दिनों पूजन सामग्री, मां की पोशाक, चुनरी और कलश आदि की मांग बढ़ी है. मां दुर्गा की उपासना को लेकर भागलपुर वासी काफी उत्साहित हैं. भक्त कलश स्थापना के लिए आवश्यक सामग्री खरीदने बाजार पहुंच रहे हैं.

कलश स्थापना : शुभ मुहूर्त

प्रतिपदा तिथि : सुबह से देर रात तकहस्त नक्षत्र : शाम 03.30 बजे तक

शुभ योग मुहूर्त प्रातः सुबह 05.44-07.12 बजे तकचर मुहूर्त : सुबह 10.10-11.38 बजे तक

लाभ मुहूर्त : दोपहर 11.38- 01.07 बजे तकअमृत मुहूर्त: दोपहर 01.07-02.35 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11.15-12.02 बजे तकशुभ मुहूर्त : शाम 04.04-05.33 बजे तक

(अलग-अलग पंचांग के अनुसार समय में कुछ फेरबदल संभव )

मां दुर्गा के नौ रूपों की जानें खासियत

1. शैलपुत्री : दुर्गा के इस रूप से हमें स्वाभिमानी बनने की प्रेरणा मिलती है.

2. ब्रह्मचारिणी : मां का यह यह रूप तपस्या का प्रतीक है.3. चन्द्रघण्टा : संदेश मिलता है कि संसार में सदा प्रसन्न होकर जीवनयापन करना चाहिए.

4. कूष्माण्डा : मां का यह स्वरूप हमें संसार में स्त्री का महत्व समझाता है.5. स्कंद माता : मां का यह रूप हमें बताता है कि स्त्री हो या पुरुष, हर कोई ज्ञान प्राप्त करने का अधिकारी है.

6. कात्यायनी : यह रूप घर-परिवार में बेटी की महत्ता को बताता है.7. काल रात्रि : मां का यह रूप हमें स्त्री के भीतर विद्यमान अपार शक्ति का भान कराता है.

8. महागौरी : मां का यह रूप हमें हर परिस्थिति में संयमित रहने की सीख देता है.9. सिद्धिदात्री : मां सिद्धिदात्री यानी हर सिद्धि को देने वाली हैं. स्त्रियों में भी यह गुण विद्यमान होता है.

एक ही दिन पड़ रहा महाष्टमी व महानवमी

ज्योतिषी राकेश झा के अनुसार शारदीय नवरात्र में चतुर्थी तिथि दो दिन छह व सात अक्तूबर को रहेगा. वहीं, महाष्टमी व महानवमी का व्रत एक ही दिन 11 अक्तूबर (शुक्रवार) को किया जायेगा. नवरात्र के दौरान एक तिथि की वृद्धि और दो तिथि एक दिन हो जाने से दुर्गापूजा पूरे 10 दिनों का रहेगा.

आज लगेगा साल का अंतिम सूर्यग्रहण, भारत में नहीं लगेगा सूतक

साल का अंतिम सूर्यग्रहण बुधवार को लगेगा. इसका सूतक भागलपुर सहित देश भर में नहीं लगेगा. यह ग्रहण दूसरे जगहों पर दिखाई देगा. सूर्यग्रहण 6 घंटे 4 मिनट तक रहेगा. सूर्यग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले ही लगता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन ही लगता है. यह सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. यदि यह भारत में दिखाई देता तो इसका सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाता है.

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