LK Advani : वरिष्ठ बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी की तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनकी हालत फिलहाल स्थिर है. डॉक्टरों की टीम उनकी निगरानी में लगी हुई है.
LK Advani: वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी (97) को स्वास्थ्य समस्याओं के चलते उनको दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पिछले कुछ महीनों में यह चौथी बार है जब उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है. हाल ही में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वे पुरस्कार समारोह में शामिल नहीं हो सके थे. वरिष्ठ बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद डॉक्टरों की टीम उनकी निगरानी में लगी हुई है.
Veteran BJP leader Lal Krishna Advani has been admitted to Delhi's Apollo Hospital. His condition is stable: Hospital source
— Press Trust of India (@PTI_News) December 14, 2024
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लाल कृष्ण आडवाणी की हालत फिलहाल स्थिर है. 96 वर्षीय आडवाणी डॉ. सिंह न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में हैं.
भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को मेडिकल जांच के लिए इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है. वे डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में हैं और फिलहाल उनकी हालत स्थिर है.
अपोलो अस्पताल
जानें, राजनीतिक सफर
8 नवंबर 1927 : लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म कराची में हुआ. वे 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य बन गए थे.
1947 : वर्ष 1947 में विभाजन के बाद, वे और उनका परिवार भारत आ गया.
1951: वर्ष 1951 में, आडवाणी श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा स्थापित भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए.
1970: वर्ष 1970 में राज्यसभा में इंट्री ली. दो साल बाद पार्टी के अध्यक्ष चुने गए.
1975: वर्ष 1975 के आपातकाल के दौरान, आडवाणी और उनके सहयोगी अटल बिहारी वाजपेयी को गिरफ्तार कर लिया गया था.
1977: वर्ष 1977 में जब मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई, तो उस वक्त आडवाणी को सूचना एवं प्रसारण मंत्री नियुक्त किया गया था.
1980: वर्ष 1980 में, उन्होंने बीजेपी की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
1984: वर्ष 1984 के आम चुनाव में मात्र दो सीटों से बीजेपी को 1990 के दशक में राष्ट्रीय ताकत बनाने के लिए आडवाणी को खास योगदान रहा. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की वकालत करते हुए राम जन्मभूमि आंदोलन में उनके नेतृत्व ने बीजेपी की राजनीतिक किस्मत को काफी हद तक बढ़ाया.