- HelloCities24 स्पेशल
- Home
- Shravani Mela Live
- एजुकेशन
- ऑटो
- कोलकाता
- क्राइम
- खेल
- जनरल नॉलेज न्यूज
- जमशेदपुर
- झारखंड न्यूज (Jharkhand News)
- टेक्नोलॉजी
- धनबाद
- धर्म न्यूज (Religion News)
- नौकरी न्यूज
- पटना
- पश्चिम बंगाल
- पूर्णिया
- पॉलिटिक्स
- बड़ी खबर
- बिजनेस
- बिहार चुनाव
- बिहार न्यूज (Bihar News)
- बॉलीवुड
- बोकारो
- भागलपुर
- भोजपुरी सिनेमा
- मनोरंजन
- मुजफ्फरपुर
- मौसम
- रांची
- राज्य
- राशिफल
- राष्ट्रीय
- रिजल्ट
- लाइफ स्टाइल
- वर्ल्ड
- वीडियो (Video)

PM foreign trip cost : पीएम नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों पर विपक्ष लंबे समय से सवाल उठाता रहा है. टाइमिंग से लेकर खर्च तक, विपक्षी दल कई बार इन यात्राओं को चुनावी राजनीति से जोड़ते हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेता सवाल करते रहे हैं कि आखिर इन यात्राओं में होने वाला खर्च जनता के हित में है या नहीं. हालांकि सरकार का कहना है कि इन दौरों का मकसद अन्य देशों से रिश्ते मजबूत करना, निवेश बढ़ाना और सहयोग को आगे ले जाना है. इसी बीच जानना जरूरी है कि पीएम मोदी के चीन दौरों पर कितना खर्च हुआ और इसमें किन मदों पर पैसा खर्च हुआ.
पिछले पांच साल में पीएम की विदेश यात्रा का खर्च
राज्यसभा में पेश हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि 2021 से 2025 के बीच पीएम मोदी की विदेश यात्राओं पर 362 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हुए हैं. विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 से 2024 के बीच इन यात्राओं का कुल खर्च 295 करोड़ रुपये रहा. इस दौरान हर साल इसमें लगातार इजाफा देखने को मिला. मई 2022 से दिसंबर 2024 तक पीएम मोदी की कुल 38 विदेश यात्राओं का खर्च लगभग 258 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है.
इसे भी पढ़ें-गाजा पर कब्जा करने की तैयारी में इजरायल, नेतन्याहू के प्लान को सुरक्षा परिषद की मंजूरी
2019 के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी
बुधवार को जारी शेड्यूल के मुताबिक, अगस्त के अंत में पीएम मोदी जापान और चीन की यात्रा करेंगे. चीन में वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में शामिल होंगे. 2019 के बाद यह उनका पहला चीन दौरा होगा. इस बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, व्यापार सहयोग और बहुपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होगी.
चीन दौरों पर हुआ कितना खर्च
पीएम इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में पीएम मोदी ने दो बार चीन की यात्रा की थी. पहली यात्रा 26 से 28 अप्रैल के बीच हुई, जिस पर चार्टर्ड प्लेन के लिए 6,07,46,000 रुपये खर्च हुए. दूसरी यात्रा 9 से 10 जून के बीच हुई, जिसमें चार्टर्ड प्लेन का खर्च 7,83,56,000 रुपये रहा. यह रकम केवल विमानन खर्च की है, इसमें सुरक्षा, आवास, आधिकारिक कार्यक्रम और प्रतिनिधिमंडल से जुड़े अन्य खर्च अलग से होते हैं.
चीन की हिस्सेदारी और रणनीतिक महत्व
रिपोर्ट में चीन के सीधे हिस्से का कोई अलग ब्योरा नहीं दिया गया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि ऐसे दौरे रणनीतिक महत्व रखते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, चीन जैसे देशों में उच्च स्तरीय बैठकें निवेश, व्यापार और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने में अहम होती हैं.
इसे भी पढ़ें-
भारत पर क्यों ठोंका टैरिफ बम? क्या रूस से दोस्ती की मिली सजा
मुकेश अंबानी का शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल; ICT मुंबई को 151 करोड़ का भव्य दान