Bhagalpur News: भागलपुर के टाउन हॉल में रविवार 04 मई 2025 को भागलपुर जिला स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें जिले के गौरवपूर्ण इतिहास और विकास की यात्रा पर प्रकाश डाला गया. सांसद अजय कुमार मंडल, जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी,और वरीय पुलिस अधीक्षक हृदय कांत ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया. इस अवसर पर मेयर डॉ बसुंधरा लाल, नगर आयुक्त डॉ. प्रीति, सीटी एसपी शुभांक मिश्रा, उप विकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह, जिला परिषद उपाध्यक्ष डॉ. प्रणय कुमार, नगर निगम के उपमेयर डॉ. सलाउद्दीन अंसारी सहित जिले के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद अजय मंडल ने भागलपुर जिला की स्थापना की ऐतिहासिक तिथि, 4 मई 1773 का स्मरण कराया. उन्होंने वर्तमान जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी को 252 वर्षों के बाद इस महत्वपूर्ण दिवस को मनाने की पहल के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया.
सांसद ने भागलपुर के समृद्ध पौराणिक इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका वर्णन शिव पुराण, गरुड़ पुराण, महाभारत और गीता जैसे लगभग सभी 18 पुराणों में अंग प्रदेश और अंग राज कर्ण के रूप में मिलता है. उन्होंने मंदार पर्वत की स्थापना, दानवीर कर्ण के त्याग और बाबा बटेश्वर नाथ की महिमा का भी वर्णन किया.
उन्होंने गंगा नदी के महत्व और सुल्तानगंज से लाए गए जल से 12 ज्योतिर्लिंगों पर जलाभिषेक की परंपरा को भागलपुर की ऐतिहासिक धरोहर बताया. सांसद ने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में भागलपुर के इतिहास में आज के स्थापना दिवस का उल्लेख स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा और वर्तमान जिलाधिकारी व जनप्रतिनिधियों की चर्चा होगी.
जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने अपने संबोधन में भागलपुर की समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर विस्तृत प्रकाश डाला. उन्होंने प्राचीन काल में इसे अंग प्रदेश और चंपा नगरी के नाम से जाने जाने का उल्लेख किया. उन्होंने अंगराज कर्ण के अद्वितीय दान और हजारों वर्ष पुरानी मंजूषा पेंटिंग जैसी सांस्कृतिक विरासत का जिक्र किया, जिसे बढ़ावा देने के लिए वर्तमान में कार्य किया जा रहा है.
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
मां गंगा भागलपुर के हृदय से गुजरती है: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी ने बताया कि मां गंगा भागलपुर के हृदय से गुजरती है और यह जिला पूर्व में झारखंड के कई जिलों और बांका-मुंगेर जैसे अनुमंडलों का केंद्र था. उन्होंने हिमालय के जल और गंगा-कोसी के संगम को अपने में समाहित करने वाली इस धरती की उर्वरता और परिश्रमी लोगों की सराहना की. विक्रमशिला विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक महत्ता और बाबा अजगैबीनाथ मंदिर की धार्मिक मान्यता का भी उल्लेख किया. भागलपुर को शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में परिपूर्ण बताते हुए उन्होंने जनप्रतिनिधियों के सहयोग से जिले के विकास के लिए निरंतर प्रयास करने की बात कही.
उन्होंने गंगा पर पुल निर्माण और विक्रमशिला विश्वविद्यालय के पुनरुद्धार जैसी विकास योजनाओं की जानकारी भी दी, जिससे पटना से भागलपुर की कनेक्टिविटी सुगम हो सकेगी.
इसे भी पढ़ें-
- बौंसी रेल पुल पर आरओबी निर्माण की प्रक्रिया शुरू; 03 एजेंसियों ने भरा तकनीकी निविदा
- बिहार में ACB का बड़ा एक्शन, बिल पास कराने के लिए मांगी थी रिश्वत, रंगेहाथ धराया सरकारी इंजीनियर
- मिड डे मील में सांप का दावा; NHRC सख्त, पटना SSP से रिपोर्ट तलब
भागलपुर ‘भारत का मणि मुकुट’ है: डीडीसी
वरीय पुलिस अधीक्षक ने भागलपुर के गौरवपूर्ण इतिहास और प्राकृतिक समृद्धि की सराहना करते हुए जिलेवासियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं. महापौर डॉ. बसुंधरा लाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य और कला के क्षेत्र में हुए विकास का उल्लेख करते हुए विक्रमशिला पुल और विश्वविद्यालय के पुनरुद्धार को महत्वपूर्ण बताया. उप विकास आयुक्त ने महाभारत में अंग प्रदेश के रूप में भागलपुर के उल्लेख, विक्रमशिला विश्वविद्यालय की उपस्थिति और सुल्तानगंज के गंगाजल की महत्ता को याद करते हुए प्राचीन काल में भागलपुर की समृद्धि और वैभव का वर्णन किया. उन्होंने भागलपुर को ‘भारत का मणि मुकुट’ बताते हुए इसके विकास के लिए सभी को मिलकर कार्य करने का आह्वान किया.
नगर आयुक्त डॉ. प्रीति, उपमेयर डॉ. सलाउद्दीन अहसान और जिला परिषद उपाध्यक्ष डॉ. प्रणव कुमार ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागलपुर के गौरवशाली इतिहास पर अपने विचार व्यक्त किए. ग्रामीण विकास अभिकरण, भागलपुर के निदेशक दुर्गा शंकर ने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया.
कार्यक्रम के दौरान किलकारी के बच्चों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया और कई कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दीं. इस अवसर पर अपर समाहर्ता दिनेश राम, अपर समाहर्ता महेश्वर प्रसाद सिंह, संयुक्त निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, अपर समाहर्ता कुंदन कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा, वरीय उप समाहर्ता मिथिलेश प्रसाद सिंह, कला संस्कृति पदाधिकारी अंकित राज सहित तमाम पदाधिकारी एवं गणमान्य दर्शक उपस्थित थे.